योग दिवस पर डी.सी. सहित कई अधिकारियों ने योग से बनाए रखी दूरी, मात्र कुर्सियों की बढ़ाई शोभा

जम्मू/राजौरी (द स्टैर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जहां पूरे देश के साथ-साथ विदेशों में भी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर योग किया वहीं राजौरी में आयोजित हुए मुख्य समारोह का नजारा कुछ अलग ही देखने को मिला। यहां पर जिले के डी.सी. ने योग कार्यक्रम का लाल रीबन काटकर शुभारंभ तो किया, मगर खुद को योग से दूर रखा और अन्य अधिकारियों के साथ कुर्सी पर बैठकर योग करते हुए लोगों को देखते रहे। डी.सी. द्वारा योग से दूरी बनाए रखे जाने को लेकर चर्चाओं का बाजार पूरी तरह से गर्म है कि आखिर उन्हें व कुर्सियों पर बैठे अन्य अधिकारियों को योग करना पसंद नहीं था या फिर वे जानबूझकर इससे दूरी बनाकर महज़ खानापूर्ति करने कार्यक्रम में पहुंचे थे।

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जानकारी अनुसार राजौरी-पुंछ दोनों जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में योग शिविर लगाकर हजारों लोगों ने योगाभ्यास किया। राजौरी में मुख्य कार्यक्रम सरकारी डाकबंगला मैदान में हुआ। जागरूकता के अभाव के चलते पुलिस, बीएसएफ, सीआरपीएफ, सरकारी कर्मियों तथा स्थानीय लोगों को मिलाकर योग करने वालों की लगभग 70-80 के करीब सँख्या थी। डीसी राजौरी ऐजाज असद ने शुक्रवार सुबह सवा सात बजे डाकबंगला में आयोजित योग शिविर में पहुंच लाल रीबन काटा और शिविर का उद्घाटन किया, जबकि आधा घंटा पहले से योग चल रहा था।

डीसी ने योग के प्रति शिविर में मौजूद लोगों और जवानों को संबोधित जरूर किया, लेकिन खुद योग से दूरी बनाए रखी। वे कुर्सी पर अन्य अधिकारियों के साथ बैठे रहे। सही कहें तो कर्मियों और लोगों के साथ हरी घास वाली जमीं पर बैठना शायद अधिकारियों को अच्छा नहीं लगा होगा। योग करने पहुंचे लोगों के साथ एकमात्र शिक्षा एवं खेल विभाग के जिला अधिकारी ने ही योग में भाग लिया।

डीसी ने कहा कि योग से निरोग जीवन जीया जा सकता है। इसलिए योग करना काफी उत्तम है। योग का कोई धर्म नहीं होता है। उनके वाक्य हर किसी के दिल को छू गए, मगर सवाल यह रहा कि आखिर उन्होंने योग क्यों नहीं किया।

शिविर में योग विशेषज्ञ व आर्युवेदिक डा. सतीष ने विस्तार से योग करने के नियम व योग के फायदे बताए। योग शिविर में विशेषज्ञ डा. सतीष ने लोगों को योग की विधि का सही ढंग बताते हुए उसका अभ्यास कराया। साथ ही लोगों से अपील की गई कि वे हर रोज योग करें, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है और कई रोग भी समाप्त हो जाते हैं।
डाकबंगला में मौजूद कुछ लोगों का कहना था कि योग अपनी सेहत को तंदुरुस्त व निरोग रखने के लिए किया जाता है। पर डीडीसी राजौरी सहित अन्य अधिकारियों ने योग नहीं किया। इससे पहले तो कोई अधिकारी योग करने में सँकोच नहीं करते थे। सब मिलकर योग करते थे। प्रशासन सभी को योग के लिए आमंत्रित करता था। आज लोगों की सँख्या भी बहुत कम थी। जवानों की सँख्या अधिक थी। सरकारी कर्मियों, अधिकारियों व लोगों को जागरूक करने की जरूरत है और यह तभी संभव है जब जिला अधिकारी बढ़ चढक़र ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

वहीं भाजपा कार्यालय राजौरी में आयोजित योग शिविर का शुभारंभ एमएलसी विबोध गुप्ता ने किया। वहाँ पांच सौ के करीब नेता, कार्यकर्ताओं सहित स्थानीय लोग मौजूद थे।
एमएलसी विबोध गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योग को एक नई पहचान दिलवाने व पूरे विश्व में लोगों को योग के प्रति जागरूक करने के लिए योग दिवस शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ-साथ आज अन्य कई देशों में भी योग दिवस मनाया जा रहा है। ओशो धारा आश्रम में भी योग शिविर लगाया गया। शिविर में पांच-छह सौ से अधिक महिलाओं, पुरुषों के साथ बच्चों ने भाग लिया।

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