होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। श्रीमती सरस्वती देवी मेमोरियल एजुकेशनल एंड वैल्फेयर सोसाइटी की तरफ से भारत सरकार की स्कीम नई-रौशनी (अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व विकास प्रशिक्षण) अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों के तहत हैंडहोल्डिंग की बैठक अत्तोवाल, होशियारपुर में की गई। सोसायटी के चीफआर्गेनाइजर पूजा शर्मा ने बताया कि इस बदलते युग में डिजिटल युग की शुरुआत हो चुकी है। आज के दौर में महिलाएं पुरुषो से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। भारतीय संविधान ने सभी को एक सामान अधिकार दिया है। आज महिलाओं की खुद लगन और मेहनत को नाकारा नहीं जा सकता है, लेकिन महिलाओं के शिक्षित होने के बावजूद भी उनका शोषण हो रहा है।
हर क्षेत्र में महिलाएं अपना परचम फहरा रही हैं चाहे शिक्षा हो या फैशन की दुनिया हो। आज महिलाएं मेहनत भी कर रही हैं और अपने करियर को लेकर गंभीर हैं. लेकिन, शारीरिक, मानसिक और यौन उत्पीडऩ ज्यादातर के जीवन की हिस्सा बन गई हैं। बचपन से सिखाया जाता है कि खाना बनाना ज़रूरी है। ज़रूरत है कि सिखाया जाये की कमाना भी ज़रूरी है। आर्थिक रूप से सक्षम होना भी ज़रूरी है। परिवार के लिये नहीं वरन अपने लिए। अगर शिक्षा में कुछ अंश जोड़ें जाये जो आपको किताबी ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी दे। आपके कौशल को उपयुक्त बनाये। आपको इस लायक बनाये कि आप अपना खर्च तो कर ही सकें। तभी शिक्षा के मायने सार्थक होंगे। ज़रूरी नहीं कि हर कमाने वाली लडक़ी डॉक्टर या शिक्षिका हो। वे खाना बना सकती है। पार्लर चला सकती है।
कपड़े सिल सकती है। उन्हें ये सब आता है। वे ये सब करती है। पर सिर्फ घर में। उनके इसी हुनर को घर के बाहर लाना है। आगे बढ़ाना है। ये एक सोच है। ज़रूरत है इस सोच को आगे बढ़ाने की। उनके कौशल को उनकी जीवन रेखा बनाने की। ताकि समय आने पर वे व्यवसाय कर सके। अपना परिवार चला सके। ये उन्हें गति देगा। दिशा देगा। आत्मविश्वास देगा। वे दबेगी नहीं। डरेगी नहीं। ये एक खुशहाल भविष्य की कामना है। इस बैठक में दिव्या देवी, बलवीर कौर, सतनाम देवी, जीवन, सतविंदर कौर, लवलीन कौर,परमिंदर कौर आदि उपस्थित थे।