‘रोशनी की किरण’ भरकर चेहरों पर मुसकान ला रही आई बैंक एवं कारनिया ट्रांसप्लांट सोसायटी

-6 सालों से नेत्रदान मुहिम के माध्यम से नेत्रदान को बनाया लोक लहर-
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। अंधापन का शिकार लोगों की जिंदगी में रोशनी भरने के लिए पिछले 6 सालों से रोटरी आई बैंक एंड कार्नियल ट्रांसप्लांट सोसायटी दिन-रात कार्यरत है। सोसायटी ने साल 2016 में 113 लोगों को रोशनी प्रदान करके उनकी अंधेरी जिंदगी में रोशनी भरने का प्रयास किया। जिन लोगों को रोशनी प्रदान की गई यह लोग सिर्फ पंजाब से ही नहीं बल्कि देश के अलग अलग राज्यों से संबंधित थे। उक्त जानकारी देते हुए प्रैसक्लब होशियारपुर में आयोजित हुई पत्रकारवार्ता में रोटरी आई बैंक के प्रधान जे.बी. बहल का कहना है कि जिन लोगों को आंख लगाई जाती है उनसे एक रुपया भी खर्च का नहीं लिया जाता, बल्कि सारा खर्च आई बैंक द्वारा सोनालीका व शहर निवासियों के सहयोग से उठाती है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में पंजाब सेहत विभाग की प्रिंसीपल सेक्रेटरी बिन्नी महाजन का अहम रोल है, जिन्होंने प्रदेश से अंधेपन को दूर करने का जिम्मा उठाया है। उन्होंने बताया कि जिन 116 लोगों को आंख लगाई गई थी उनमें से 38 लोग दोनों आंखों से पीडि़त थे। इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों से आए वो लोग भी उपस्थित थे, जिन्हें आंख लगाई गई है।
इस मौके पर सचिव वरिंदर चोपड़ा ने बताया कि नेत्रदान के प्रति लोगों को और जागरुक करने हेतु सोसायटी द्वारा अलग-अलग प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि प्रदेश से अंधेपन को दूर किया जा सके। उन्होंने बताया कि 2016 में पूरे देश से 86 कारनिया मिले। उन्होंने बताया कि एक कारनिया पर करीब 55 सौ रुपये का खर्च आता है और इसका पूरा हिसाब सोसायटी के पास मौजूद है। उन्होंने बताया कि यह कारनिया देश के अलग-अलग आई बैंकों से प्राप्त हुए हैं और इनमें से 16 कारनिया का पैसा सरबत दा भला चैरीटेबल ट्रस्ट की और से किया गया है।
पत्रकारों को और जानकारी देते हुए कोषाध्यक्ष मनोज ओहरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की प्रिं. सचिव बिन्नी महाजन का इस नेक कार्य में बहुत योगदान है, क्योंकि आई बैंक की पहले फीस तीन लाख रुपये थी, जोकि सोसायटी द्वारा किए गए प्रयासों के बाद 10 हजार रुपये कर दी गई। जिसके चलते आज कांगड़ा, जम्मू, जालंधर व अमृतसर में भी आई बैंक खोले जा रहे हैं और लोग इसके प्रति जागरुक हो कर नेत्रदान के लिए आगे आ रहे हैं। श्री ओहरी ने बताया कि इस काम में डा. बलविंदरजीत सिंह, डा. अनिल तनेजा और डा. एच.एस. सहोता का बहुत योगदान है। इस अवसर पर नरेश जैन, संजीव अरोड़ा, कुलदीप राय गुप्ता, विजय अरोड़ा, शाम नागपाल, जगमीत सिंह सेठी, सिद्धार्थ गुलाटी, महिंदर सिंह, अविनाश सिंह, प्रवीन कुमार, राकेश अरोड़ा आदि भी मौजूद थे।

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