नव वर्ष का शुभारंभ भक्ति भाव से हो और हम निरंकार के एहसास में कायम रहें: माता सुदीक्षा

दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। आज नव वर्ष 2020 के इस अवसर पर संकल्प करे कि इसका प्रारम्भ भक्ति भाव से हो और हम निरंकार के एहसास पर पूरा साल कायम रहे। हम सेवा, सिमरन और सत्संग के साथ पल-पल जुड़े रहे ताकि हमारे भाव सकारात्मक बनते चले जाए और नकारात्मकता के लिए चाहे कितने भी कारण हो हम उन्हें दूर रखे और हर समय प्रसन्न रहे और दूसरों को भी प्रसन्नता प्रदान करें। यह विचार कल यहाँ निरंकारी सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने नव वर्ष 2020 के आगमन पर आयोजित एक विशाल जन समूह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। सद्गुरू माता जी ने कहा कि आमतौर पर लोग नव वर्ष के अपने संकल्प को भूल जाते हैं, परन्तु हमने सेवा, सिमरन और सत्संग के साथ पल-पल जुड़े रहना है। मछली का उदाहरण देते हुए सद्गुरु माता जी ने कहा कि वह कितनी भी आज़ाद होती है फिर भी वह पानी की कैद में है।

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इसी प्रकार हमें भी जहां निरंकार में हर प्रकार की आजा़दी है वहाँ इसकी कैद में ही हमें रहना है शुकराने के भाव में। सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि आज शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी और निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर जी को भी उनके जन्म दिवस पर याद किया जा रहा है। उन्होंने हमें यहीं सिखाया कि हमने स्वयं का सुधार करना है, सिर्फ उत्थान की ओर, पतन की ओर नहीं।

हम जिस प्रकार स्वयं को क्षमा करते हैं इसी तरह दूसरों के प्रति भी कोई गिला-शिकवा ना रखें और उनके लिए भी क्षमा का ही भाव रखे। हमने सब में इस दातार का ही स्वरूप देखना है। सद्गुरु माता जी ने यह भी कहा कि हमने घर-परिवार के लिए समाज तथा मानवता के लिए वरदान बनना है और अपना सबसे बेहतर किरदार निभाना है।

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