होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिस दिन सी.ए.ए. के विरोध में खालीस्तान समर्थकों व कुछेक अन्य संगठनों ने शहर को बंद करवाने का आह्वान किया था तो उनकी कॉल के बाद करणी सेना ने सबसे पहले इसका विरोध किया था। क्योंकि, अगर यह कॉल किसी अन्य पार्टी या संगठन द्वारा दी गई होती तो शायद हम इसका विरोध नहीं करते। लेकिन कॉल जो थी वो खालीस्तान समर्थकों द्वारा दी गई थी इसलिए हमने इसका खुलकर विरोध किया। लेकिन दूसरों पर उंगली उठाने वाली शिवसेना उस दिन कहां दुबक कर बैठी थी इसका जवाब दे इसके बाद ही किसी के बारे में बुरा भला कहे। यह बात श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश महासचिव ठाकुर लक्की सिंह ने सेना के कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए शिव सेना के रणजीत द्वारा करणी सेना के बारे में कहे गए शब्दों का खण्डन करते हुए कही।
ठाकुर लक्की सिंह ने कहा कि अगर इनमें इतनी ही देश भक्ति थी तो उस दिन मैदान में आते, लेकिन बातों के शेर बनकर घूमने वाले रणजीत व इनका एक भी साथी शहर में नहीं दिखा। वो करणी सेना वाले ही थे जो मैदान में डटे रहे और खालीस्तानियों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाने वाले रणजीत को पहले अपनी पार्टी की गतिविधियों पर भी नजऱ दौड़ा लेना चाहिए। मुंबई में सत्ता की खातिर शिवसेना ने अपने सभी असूलों की तिलांजली देकर और हिन्दुतव को खतरे में डालते हुए कांग्रेस से समझौता कर रखा है और यहां पर बात कर रहे हैं राष्ट्रहित की। ठाकुर लक्की सिंह ने कहा कि शिवसेना व इसके नेता हिन्दुओं की बात तो करते हैं लेकिन हिन्दुओं की रक्षा और उत्थान के लिए इन्होंने आजतक कोई कदम नहीं उठाया। हां! इतना जरुर है कि शिवसेना से जुड़े नेता सुरक्षा कर्मी लेने के लिए कोई न कोई मुद्दा भडक़ाते रहते हैं, जिससे प्रदेश की शांति भंग होने की आशंका बनी रहती है।
रणजीत को करणी सेना के इतिहास और राजपूतों की शहादतों के बारे में भी जान लेना चाहिए कि देश और धर्म की खातिर राजपूतों ने प्राणों की आहुति देने से कभी भी गुरेज नहीं किया। लेकिन खुद को किसी न किसी मुद्दे को लेकर सुर्खियों में रखने वाले रणजीत व इनके साथी समाज को जोडऩे का नहीं बल्कि तोडऩे का काम कर रहे हैं। अगर समाज को खालीस्तान समर्थकों से बचकर रहना चाहिए तो उसी प्रकार ऐसे शिवसेना नेताओं व इनके साथियों से भी समाज के समस्त वर्गों को बचने की जरुरत है ताकि हमारे आपसी भाईचारे को कोई नुकसान न पहुंचे तथा यह लोग अपने स्वार्थों को सिद्ध करने में कामयाब न हो सकें। इस अवसर पर गौरव शर्मा, मुकेश सूरी, मट्टू शर्मा, राकेश चावला, रमनजीत सिंह रम्मी, मनी, कुलवीर, अनु भारद्वाज, कुलविंदर ठाकुर, कुलविंदर बब्बू, मोंटी ठाकुर सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।