दसवीं के बाद विषयों व बोर्ड का चयन समझदारी से करें, वरना होगी परेशानी: प्रो. हरप्रीत सिंह

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। अक्सर देखने में आता है कि विद्यार्थी पढ़ते भी हैं, अच्छे अंक भी प्राप्त करते हैं, लेकिन दसवीं कक्षा के बाद जब विभिन्न विषयों का चयन करने की बारी आती है तो एक दुविधा हमेशा रहती है कि इसके बाद अब क्या करें? विद्यार्थियों को इस बात का ज्ञान नहीं होता कि वह किस राह पर चल चल कर आगे सफल होंगे। वह तो कहते हैं कि हम सिर्फ पढ़ सकते हैं जो भी हो बस कर ही लेंगे। लेकिन हमें अपने बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित रहना ही चाहिए क्योंकि बच्चे तो बच्चे ही होते हैं तथा हमें बच्चों की रुचि को ध्यान में रखते हुए विषयों के चयन की आज़ादी उन्हें देनी चाहिए। अक्सर बच्चे देखा देखी या भेड़ चाल के रूप में विषयों का चयन करते हैं।

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लेकिन सही समय पर सही विषयों का चयन ही सफलता की कुंजी है, इसलिए अभिभावक जहां बच्चों की रुचि का ध्यान रखें वहीं बच्चों का भी फर्ज है कि वे भी अपनी प्रतिभा के अनुसार विषय का चयन करें। यह बात श्री दशमेश अकादमी के डायरेक्टर प्रो. हरप्रीत सिंह ने अभिभावकों व बच्चों को विषयों का चयन करने संबंधी विशेष बातचीत दौरान कही। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरुरी है कि बच्चे रुचि के अनुसार ही दसवीं कक्षा के बाद विषयों का चयन करें।

प्रो. हरप्रीत सिंह ने कहा कि माता-पिता के लिए यह दुविधा होती है कि वह दसवीं कक्षा के बाद अपने बच्चों को कहां व किस विद्यालय में दाखिला करवाएं। उन्होंने कहा कि बोर्ड का चयन करते वक्त भी अपनी सूझबूझ दिखाएं। क्योंकि, अक्सर देखने में आया है कि विद्यार्थियों के दसवीं परीक्षा में 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक होते हैं लेकिन गलत विषयों व बोर्ड का चयन करने से कई बार 11वीं कक्षा में विद्यार्थी फेल भी हो जाते हैं और बाद में विद्यालयों व बोर्ड को बदलने में काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं। इसलिए पहले ही विद्यालय व बोर्ड का चयन समझदारी से करें।

माता-पिता को हमेशा ही अपने बच्चों को कहीं भी दाखिला करवाने से पहले उस संस्था या विद्यालय के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। हमारे बच्चे ही हमारा भविष्य हैं। अगर हमारे बच्चे शुरू से ही सही रास्ते पर चल पड़ेंगे तो उन्हें सफलता हासिल करने से कोई भी नहीं रोक सकता। श्री दशमेश एकेडमी के डायरेक्टर प्रो. हरप्रीत सिंह ने इस सुलेख के द्वारा सभी विद्यार्थियों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि माता-पिता के लिए यह सुझाव है कि बच्चों पर विषयों के चयन संबंधी किसी प्रकार का दवाब न डालें तथा उनकी रुचि का ध्यान रखते हुए उन्हें अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करें।

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