नई शिक्षा नीति से देश में भारतीय भाषाओं का महत्त्व बढ़ेगा: शास्त्री

दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया गया है। इसके तहत प्राथमिक शिक्षा तीन से पांच वर्ष की होगी। छात्र तीन वर्ष से पांच वर्ष तक की प्री प्राइमरी शिक्षा ग्रहण करेगा। छह वर्ष आयु से पांच वर्ष प्राथमिक विद्यालय व 6, 7, 8वीं कक्षा मिडिल स्कूल में होगी। सर्वहितकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल हाजीपुर में प्रिंसिपल मनोज शर्मा की अध्यक्षता में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए भाजपा जिला महामन्त्री सतपाल शास्त्री ने कहा कि 9वीं, 10वीं व 11वीं कक्षा उच्च विद्यालय में होगी। उन्होंने कहा, मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा दी जाएगी। इस प्रकार विभिन्न प्रादेशिक भाषाओं का विकास होगा और बच्चे अपनी माँ बोली में शिक्षा को भली भांति समझ सकेंगे। उन्होंने कहा 12वीं कक्षा अब स्कूल की बजाय कॉलेज में होगी। पूर्व की स्थिति की अपेक्षा इस समय छात्र काफी होशियार, बुद्धिमान, शिक्षित स्तर की काफी समझ रखता है, वे कॉलेज शिक्षा लेने में सक्षम हैं। इसलिए 12वीं कक्षा कॉलेज में शामिल करना उचित ही है और छात्रों के हित में है।

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शास्त्री  ने कहा 12वीं कक्षा के बाद छात्र एक या दो वर्ष पढ़ने के बाद यदि उसका मन तकनीकी शिक्षा लेने का करता है तो वह कॉलेज से सर्टिफिकेट लेकर ही आई.टी.आई. डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश ले सकता है। डिप्लोमा करने के पश्चात यदि छात्र को रोजगार नहीं मिलता है और वह बी.ए., एम.ए. करना चाहता है तो वह कॉलेज में दाखिला ले सकता है। उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति से शिक्षा मंत्रालय केवल शिक्षा का प्रभार देखेगा। संस्कृति, युवा कार्यक्रम व खेल के लिए अलग मंत्रालय अपनी गतिविधियां चलाएगा। गतिविधियों में छात्र-युवा संख्या में बढ़ोतरी के कारण कई नए कार्यक्रम चालू किए गए हैं तथा और बढ़ोतरी की अपेक्षा है। उन्होंने कहा युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए कई योजनाएं कौशल विकास, प्रधानमंत्री सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग, कल्याण योजनाएं आदि चालू करने के लिए वृहद प्रशिक्षण का प्रावधान है।

शास्त्री ने कहा नई शिक्षा नीति से देश में भारतीय भाषाओं का महत्त्व बढ़ेगा। कुल मिलाकर नई शिक्षा नीति में 6वीं श्रेणी से व्यावसायिक शिक्षा शुरू होगी, आठवीं से छात्र अपनी इच्छा के विषय रख सकेगा। बी.ए. में भी विषय अपनी मर्जी से ले सकेंगे। उन्होंने कहा यदि किसी की रूचि संगीत में है तो वह विज्ञान के साथ संगीत विषय भी ले सकेंगे। छात्रों को स्कूल, कॉलेज छोड़ने की छूट होगी। उच्च शिक्षा के लिए हरेक जिले में एक ही विश्वविद्यालय होगा। नया अध्यापक प्रशिक्षण बोर्ड बनाया जाएगा जो देश भर के विभिन्न स्तर के अध्यापकों को प्रशिक्षण का प्रबंध करेगा। कॉलेजों को स्वायत्तता दी जाएगी ताकि वे छात्रों की शिक्षा की जरूरतों को पूरा कर सकें।

सतपाल शास्त्री ने कहा इस प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पूरे देश में छात्रों, अभिभावकों व अध्यापकों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगी। छात्रों की क्षमताओं का संपूर्ण विकास होगा और विद्यार्थियों को रट्टा से मुक्ति मिलेगी । इस अवसर पर प्रिंसिपल मनोज कुमार ने भी संबोधित किया इस अवसर पर श्रीमती सीमा रतन तथा श्रीमती सुलेखा ने भी अपने विचार व्यक्त किए

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