होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। परमपूज्य सभी प्रकाशानंद सरस्वती जी की अध्यक्षता एवं मार्ग दर्शन में श्री राम चरित मानस प्रचार मंडल होशियारपुर द्वारा श्री रामनवमी के उपलक्ष्य में करवाई जा रही दिव्य श्री राम कथा के छठे दिनसे पहले मण्डल द्वारा तीन निर्धन कन्याओं की शादी बड़े ही विधी विधान से की गई। जिसमें मण्डल के साथ-साथ आम भक्तों ने भी पूर्ण सहयोग दिया। कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यासदेवी ऋचा मिश्रा ने प्रभु श्री राम द्वारा ताडक़ा वध का विस्तृत वर्णन किया। गुरु विश्वमित्र जी ने प्रभू राम को जनकपुरी दिखाने का मन बनाया। गंगा अवतरण का कथा रावेंद्र सरकार क सुनाई। उन्होंने चलो मन गंगा तीर सुनाकर भाव विभोर किया। रास्ते में एक शिला देख कर राम ने गुरु जी से उसकी कथा सुननी चाही तो गुरु जी ने बताया कि यह ऋषि गौतम की पहिन अहत्या की शिला है।
इन्द्र ने भेष बदल कर अहित्या से प्रेम प्रलाप करना चाहा तो ऋषि गौतम ने श्राप दे दिया था कि तू अपने पति को पहचान न सकी। इस लिए पत्थर की हो जा और जब तक प्रभू राम के चरण कमल उस पर नहीं पड़ेगे तब तक वो शिला रूप में ही रहेगी। इन्द्र को भी श्राप दे दिया कि उसके शरीर में एक हजार छेद हो जाए। राम जी ने कहा कि गुरु जी यह तो कथा नहीं, अपितु व्यथा है। गुरु अपने शिष्य को ज्ञान के साथ-साथ प्रेम की नगरी में ले गए। जनक ने जब देखा तो एक दम उसके मन में आया कि यह मेरे पुत्र क्यों नहीं बने चलो पुत्र न सही यह मेरे जवाई ही बन जाएं। सारी जनक नगरी भी यही चाहने लगी कि यह वर सिर्फ जनकपुत्री के ही योग्य है। इस मौके अन्य के इलावा सरिता शर्मा, प्रधान हरीश सैनी, राकेश भल्ला, महिंदर पाल गुप्ता, राकेश शर्मा, विनय खन्ना, एडवोकेट दी.आर, दत्ता, समाज सेवक लक्की स्वामी, शाम सुंदर मोदगिल, राज कुमार, योगेश सैनी, डा. अजय बग्गा, जगदीश पटयाल, निहाल चंद, जोगिंदर कश्यप, वरिंदर चोपड़ा, तिलक राज शर्मा, जे.के. शर्मा, गुलशन धीर, रमन वर्मा, रमन खन्ना, सुरेंद्र ओहरी, वरुण चौधरी, डा. सुभाष जलाली व अन्य भी उपस्थित थे।