भगवान की लीलाएं मनुष्य को आध्यात्म की ओर ले जाती हैं: साध्वी जयंती भारती

दौलतपुर चौक (द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान व दौलतपुर चौक शहर की स्थानीय संस्थाओं की ओर से श्री राम लीला ग्राउंड में पाच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। कथा के तीसरे दिन श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या साध्वी जयंती भारती जी ने प्रभु की बाल लीलाओं को प्रस्तुत करते हुए बताया कि भगवान राम जी इस धरातल पर अवतरित होकर अनेकों लीलाएँ करते हैं। उन लीलाओं के द्वारा वो एक इंसान को अध्यात्म की ओर अग्रसर करते हैं क्योंकि प्रभु की प्रत्येक लीला, प्रत्येक वचन, प्रत्येक कर्म एक इंसान को शाश्वत भक्ति के बारे में जनाता है। प्रभु की लीलाएँ एक मानव को भारतीय संस्कृति की ओर अग्रसर करती है। वैदिक काल में हमारे ऋषियों ने अपने जीवन चरित्र के द्वारा, अपनी वाणियों के द्वारा जनाया कि भारतीय संस्कृति बहुत महान है। भारत दो शब्दों से बना है भा + रत अर्थात् भारत। संस्कृति के पुण्य प्रवाह में एक समय भारत को देखा व जीया था जब प्रत्येक इंसान के कर्म में धर्म झलकता था।

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उस समय प्रत्येक मानव तप, त्याग एवं आदर्शनिष्ठ जीवन की कसौटी पर खरा उतरता था। क्योंकि भारत का तात्पर्य है- भा माने प्रकाश, रत माने लीन रहना अर्थात् वो भारत जहाँ रहने वाले निवासी ईश्वरीय प्रकाश में लीन रहते हैं वो भारत है। वैदिक काल का समय तो ऐसा था लेकिन वर्तमान समय में एक मानव भारत सोने की चीडिय़ा था वर्तमान में वो काठ की चीडिय़ा भी नही रहा। पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव ने एक इंसान रंगता जा रहा है। ठीक है प्रत्येक संस्कृति का अपना एक स्थान है लेकिन भारतवासियों की पहचान उनकी भारतीय संस्कृति है। अत: भारतीय संस्कृति कस चुनाव कर सच के मार्ग पर चलें इसी में जिन्दगी का कल्याण है। इस अवसर पर राजेश ठाकुर, सुरिन्द्र ठाकुर, रोहित शर्मा, होशियार सिंह जसवाल, वेदप्रकाश साँठील, सुरजीत चौधरी, शिव स्टूडीयो वाले, अनिता शर्मा, रीटा रानी, कमलेश ठाकुर, मीना शर्मा, राजीव राजू व संतोष मैडम आदि उपस्थित हुए।

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