होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। इंसान सारी उम्र पेट की खातिर क्या-क्या नहीं करता, लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो मेहनत के साथ-साथ शुद्ध खान-पान का भी ध्यान रखना नहीं भूलते। एक तरफ जहां विदेशों में खान-पान की वस्तुओं की क्वालिटी के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाता, वहीं दूसरी तरफ भारत में अधिकतर लोग इस कदर मिलावटी वस्तुओं के आदि हो चुके हैं कि अगर किसी को शुद्ध वस्तु खाने या शुद्ध दूध पीने को मिल जाए तो अधिकतर लोग बीमार हो जाते हैं या उनका पेट खराब हो जाता है।
ऐसा इसलिए है कि हमने खाद्य वस्तुओं की मांग अनुसार उत्पादन की तरफ ध्यान देना जरुरी नहीं समझा। जिसके चलते खाने-पीने की वस्तुओं की मांग को पूरा करने और अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावटखोर खूब मालामाल भी हो रहे हैं, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। खान-पान की बात करें तो हमारी सेहत के लिए सबसे उत्तम औषधि है दूध, जो आज हमें शुद्ध नहीं मिल रहा। जिस कारण व्यक्ति कई प्रकार को रोगों से घिरता जा रहा है। इसलिए दूध की शुद्धता पर ध्यान देना सबसे जरुरी है। भारतीय संस्कृति के अनुसार गाये का दूध वैसे भी औषधि माना गया है और उसे मां के दूध के बराबर संज्ञा दी गई है। इसलिए गौसेवा के महत्व पर भी जोर दिया जाता है। दूध शुद्ध एवं गुणवत्ता भरपूर हो, यह सब उनकी खुराक पर भी निर्भर करता है, जिसकी शुद्धता का ध्यान रखना भी हमारी जिम्मेदारी है।
बच्चों के लिए सबसे उत्तम एवं मां के दूध के तुल्य होता है गाय का दूध
दूध की बात करें तो देश में उत्पादन के विपरीत मांग तीन गुणा ज्यादा होने के कारण आज करोड़ों लोग मिलावटी/रसायनयुक्त दूध पीने को मजबूर हो रहे हैं। क्योंकि, मिलावटखोर एवं नकली दूध बनाने वाले इस मांग का भरपूर लाभ उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। भले ही सरकार द्वारा इसे लेकर सख्ती की जा रही है, मगर बावजूद इसके लोगों को मिलावटी दूध सप्लाई करने वाले काफी लोग सक्रिय हैं।
मिलावट और रसायनयुक्त दूध की समस्या को देखते हुए होशियारपुर की एक कंपनी जल्द ही अपने ग्राहकों के लिए गाय का शुद्ध फ्रैश दूध लेकर मार्किट में आ रही तथा इस कंपनी की सबसे खास बात यह है कि दूध देने वाली गायों को जो चारा एवं फीड दी जाती है वह पूरी तरह से कुदरती है और किसी भी तरह का रसायन उसमें नहीं मिलाया जाता। जिस कारण दूध पूरी तरह से शुद्ध, पूर्णगुणवत्तायुक्त एवं रसायनमुक्त है। कंपनी द्वारा इस संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं तथा जल्द ही शुद्ध एवं पैकड फ्रैश दूध मार्किट में उपलब्ध होगा।
कंपनी में गायों के लिए पूरी तरह से खुला वातावरण मुहैया करवाया गया है ताकि गायें खुले में घूम सकें और समय-समय पर खुरलियों के पास आकर चारा खा सकें। गायों के खुले वातावरण में रहने से जहां उनकी सेहत ठीक रहती है वहीं उनकी पाचन शक्ति ठीक रहने से दूध की शुद्धता और भी बढ़ जाती है। इसके अलावा दूध दोहन से लेकर पैकिंग तक सारा कार्य मशीनों द्वारा किया जाता है तथा दूध को किटाणुमुक्त रखने के लिए मानव सपर्श नहीं किया जाता। इतना ही नहीं कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए पूरे फार्म को दिन में दो बार पूरी तरह से सैनेटाइज़ किया जाता है ताकि इस संबंधी किसी भी तरह की आशंका भी पनप न पाए। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि होशियारपुर-चंडीगढ़ मार्ग पर स्थित यह कंपनी बहुत जल्द जनता की सेवा में हाजिर होगी ताकि हमारे अपने शुद्ध दूध का सेवन करके सेहतमंद रह सकें।