‘पूजा’ ने खोली नशा छुड़ाओ केन्द्र खुड्डा की पोल, संचालक काबू

dediction center hoshiarpur

रिपोर्ट: पंडित जी।
होशियारपुर/टांडा उड़मुड़। गांव खुड्डा में चल रहे प्राइवेट नशा छुड़ाओ केंद्र में सी.आई.ए. स्टाफ कपूरथला की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर की मदद से रेड कर केंद्र में नशा छुड़ाने की आड़ में चल रहे गोलमाल की जाँच की। पुलिस और ड्रग विभाग की टीम ने माता अमर कौर मैमोरियल नशा छुड़ाओ केंद्र में लगभग पांच घंटे गहनता से जाँच की। पहले भी विवादों में रहे इस केंद्र ने कुछ महीने बंद रहने के बाद बीबी सुरिंदर कौर बादल के नाम पर खोले केंद्र का नाम बदलकर दोबारा काम शुरू किया था। वीरवार और रविवार को खुलने वाले इस केंद्र में पंजाब के अलग-अलग जिलों के इलावा जम्मू आदि क्षेत्रों से लोग नशा छुड़ाने की दवाई लेने आते थे।

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मिली जानकारी अनुसार कपूरथला पुलिस ने 6 अप्रैल को जालंधर रोड कपूरथला से एक पूजा नामक महिला को नशा छोडऩे लिए उपयोग होने वाली प्रतिबंधित दवाई के 15 पत्तो सहित गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया था। पूछताछ के दौरान पूजा ने खुलासा करते हुए बताया था कि वो दवाई खुड्डा के उक्त केंद्र से लेकर आती है और नशा तस्करी के मामले में जेल काट रहे अपने पति दलवीर सिंह के लिए लेकर जाती है। जो जेल में ही उसे मिलते समय पहुंचाते थी। इसी सूचना के आधार पर कपूरथला पुलिस के सी.आई.ए. विभाग के मुखी इंस्पैक्टर नरिंदर सिंह और ड्रग इंस्पेक्टर होशियारपुर की टीम ने केंद्र में रेड किया। उस समय केंद्र के बाहर डेढ़ सौ से ज्यादा लोग दवाई लेने आए हुए थे। उस समय केंद्र प्रबंधक दविंदर सिंह और मनोचित्सिक डॉ . बलबीर सिंह मौजूद थे।


क्या है गोलमाल: कनूनी प्रावधानों की आड़ में चल रहे इस विवादित केंद्र में प्रबंधक ने लुधियाना से मनोचित्सिक को अनुबंधित कर रखा था जो कनूनी रूप में नशे की लत्त का शिकार हुए लोगों को नशा छुड़ाने लिए दवाई दे सकता है व दवाई की काफी मात्रा अपने पास रख सकता है। सरकारी नशा छुड़ाओ केन्द्रो में मरीज़ की हिस्ट्री और जरुरत मुताबिक तय समय में इलाज किया जाता है। खुड्डा के केंद्र में दवाई लेने आए लोगों ने चौंकाने वाले खुलासे किए कि वे पिछले तीन साल से उक्त सेंटर से दवाई ले रहे हैं और कोई भी जितनी मर्जी दवाई ले सकता है। कपूरथला में पकड़ी गई महिला पूजा से बरामद प्रतिबंधित दवाई के पत्ते भी इसी केंद्र से लिए जाने के मामले से सेंटर की पोल खोली। खुड्डा के इस केंद्र से तीन हज़ार से ज्यादा लोग नशा छुड़ाने की दवाई ले रहे हैं।

क्या हुई करवाई: ड्रग इंस्पेक्टर परमिंदर सिंह ने बताया के जाँच में पाया गया है कि केंद्र के पास लाइसेंस और मनोचिक्तिसक है तथा केंद्र में मिली नशा छुड़ाने वाली लगभग 5000 गोलियों के बिल तो थे, परन्तु मरीज़ो को दी जाने वाली दवाई के बिल और रिकॉर्ड इत्यादि में कमी पाई गई। उन्होंने बताया कि वह अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन को देंगे और जिसको बाद में जिला डी-अडिक्शन कमेटी जाँच के दायरे में लाएगी। सी.आई.ए. स्टाफ के इंस्पेक्टर नरिंदर सिंह ने बताया कि मरीजों को दी जानी वाली दवाई की बहुतायत को जाँच का केंद्र बना प्रबंधक दविंदर सिंह को साथ ले जाकर पूछताछ की जा रही है। जाँच के बाद बनती करवाई होगी।

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