जिला प्रशासन ने सैंपल लेने को तीन गुणा बढ़ाया, अब रोजाना 1200 की जगह 3600 लिए जा रहे सैंपल

जलंधर (द स्टैलर न्यूज़) जिले में कोविड -19 को फैलने से रोकने और जिला निवासियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से कोविड -19 के सैंपल लेने को तीन गुणा तक बडा दिया गया है। यह जानकारी डिप्टी कमिशनर जालंधर घनश्याम थोरी ने आज मुख्य सचिव श्रीमती विन्नी महाजन की अध्यक्षता में कोविड -19 के किए जा रहे प्रबंधों का जायज़ा लेने के लिए की जा रही वीडियो कानफ्रंसिंग दौरान दी। उन्होनें कहा कि पहले जिले में 1000 से 1200 तक सैंपल रोज़ाना लिए जाते थे, जिन को अब 3600 कर दिया गया है। उन्होनें कहा कि सैंपल लेने की सामथ्र्य बढ़ाने के साथ कोविड के मरीज़ों का जल्दी पता लगा कर समय पर उनका इलाज किया जा सकेगा।

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जिलाधीश ने कोविड के लिए सैंपलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 4 सितम्बर को जिले में 3790 सैंपल लिए हैं थे, जिनमें से आर.टी.पी.सी.आर. के अंतर्गत 1270 और एन.आर.डी.डी.एल. के द्वारा 129, ट्रूनाट के द्वारा 13, एंटीजेन के द्वारा 2507 सैंपल शामिल हैं, जबकि 5 सितम्बर को लिए गए 3617 सैंपलों में आर.टी.पी.सी.आर. के 1760, एन.आर.डी.डी.ऐल. के 144, ट्रूनाट के 15, एंटीजेन के 1842 सैंपल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कोविड के बढ रहे मामलों के कारण प्रशासन की तरफ से 30 से अधिक आयु वाले शकी मरीज़ों और अन्य बीमारियों वाले मरीज़ों के सैंपल लेने को यकीनी बनाने के लिए सैंपल एकत्रित करने वाली टीमों को 39 से बढा कर 80 कर दिया गया है, जिससे मरीज़ों की जल्द पहचान से उनका इलाज शुरू किया जा सके। उन्होनें कहा कि कोविड के मरीज़ों की जल्दी पहचान करके समय पर इलाज उपलब्ध करवा कर मौत दर को कम करने की तरफ ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होनें कहा कि कोविड -19 के नये मामलों में विस्तार होने के बावजूद बड़ी संख्या में मरीज़ों के ठीक होने से मौत दर को 2.63 प्रतिशत तक लाया गया है।

घनश्याम थोरी ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अगवाई वाली राज्य सरकार की तरफ से शकी मरीज़ों को वाक-इन टेस्टिंग और सीधे घरों में एकांतवास होने की सुविधा देने का फ़ैसला लिया गया है। उन्होनें कहा कि अब शकी मरीज़ जिले के किसी भी फ्लू कार्नर पर टैस्ट करवाते समय फार्म भर कर दे सकते हैं, कि उनके पास घर में एकांतवास होने के लिए प्रबंध मौजूद हैं। उन्होनें कहा कि स्व घोषणा के आधार पर यदि शकी मरीज़ पाजिटिव आता है, तो वह शर्तों के आधार पर घर में एकांतवास हो सकता है और उसे अस्पताल जाने की ज़रूरत नहीं है। उन्होनें बताया कि इस दौरान मैडीकल टीमों की तरफ से रोज़ाना की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी के बारे में बताया जाता है, और स्वास्थ्य टीमों की तरफ से नियमत तौर पर उसकी निगरानी भी की जाती है। डिप्टी कमिशनर ने बताया कि पंजाब सरकार की नीति अनुसार अब किसी भी कोविड -19 प्रभावित व्यक्ति के घर के बाहर एकांतवास का स्टिक्कर नहीं लगाया जायेगा। डिप्टी कमिशनर ने बताया कि कोविड -19 के लिए जिला प्रशासन की तरफ से सभी प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं, और सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में बैड मौजूद हैं। उन्होनें जिला निवासियों से अपील की कि कोरोना वायरस खि़लाफ़ जंग जीतने के लिए टैस्ट करवाने के लिए आगे आए, क्योंकि सांझे प्रयत्नों से ही इस महामारी को फैलने से रोका जा सकता है। उन्होनें जिला निवासीयों को अफ़वाहों से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि घर से बाहर निकलने समय मास्क ज़रूर पहने, समय समय पर 20 सैकंड तक हाथों को अच्छी तरह धोने और सामाजिक दूरी को बनाए रखें। इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (जनरल) जसबीर सिंह, ज्वाईंट कमिशनर नगर निगम हरचरन सिंह, डिप्टी डायरैक्टर स्थानीय निकाय सरकारें दरबारा सिंह, उपमंडल मैजिस्ट्रेट गौतम जैन, उपमंडल मैजिस्ट्रेट शाहकोट संजीव शर्मा, अस्टेट पुड्डा अधिकारी नवनीत कौर बल्ल और सिविल सर्जन डा.गुरिन्दर कौर चावला भी मौजूद थे।

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