सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध की सबसे अहम और अंतिम तिथि: पं. श्याम

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। ऊना रोड़ पर स्थित प्राचीन भूतगिरी शिव मंदिर से पं. श्याम ने श्राद्ध पर विशेष जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। शास्त्रों में कहा गया है जिन पितरों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं होती है तो सर्व पितृ अमावस्या के दिन उनका श्राद्ध किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि मान्यता के अनुसार, इस दिन पितरों के निमित्त उपाय करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध की सबसे अहम और आखिरी तिथि होती है। इस बार यह तिथि 17 सितंबर गुरुवार के दिन पड़ रही है।

Advertisements

पितरों का तर्पण विधि:

सर्व पितृ अमावस्या के दिन सुबह जल्दी स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनकर पितृ रूप स्थित अपने परिजनों का पिंडदान, जौ के आटे, तिल और चावल से बने पिंड अर्पण करे और तर्पण तिल मिश्रित जल से करें।इसके लिए किसी कर्मकांडी ब्राह्मण से भी सहयोग ले सकते है। यह कार्य परिवार के बड़े सदस्यों को करना चाहिए। इसके बाद घर में बना मिष्ठान व शुद्ध जल की मटकी पीपल के पेड़ के नीचे अपने पितरों के निमित्त रखकर वहां दीपक जलाना चाहिए। अग्नि और गुरुड़ पुराण का पाठ करवाना चाहिए और पितृपक्ष से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिये। तदुपरान्त ब्राह्मणों को भोजन और दान-दक्षिणा के साथ विदा करें।

इस दिन इन कार्यों को भी करें, इससे पितृदोष से मिलने वाली पीड़ा भी कम हो जाएगी।

1: भोजन को सबसे पहले कौवे, गाय और कुत्तों को अर्पित करना चाहिए।

2: चांदी से निर्मित वस्तुओं का दान करें इसे करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपनी संतानों को सुखी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

3: मोक्ष अमावस्या के दिन अपने पितरों के लिए तिल के तेल का चौमुखा दीपक सूर्यास्त के बाद घर की छत पर दक्षिण दिशा के कोने में रखें और ध्यान रखें कि आपका मुख दक्षिण दिशा में हो और साथ-साथ घर के ईशान कोण में पूजा वाले स्थान पर गाय के घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको सभी सुखों की प्राप्ति होगी।

4. आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं, ऐसा करने से आपकी सभी परेशानियों का अंत होता है।

5. सर्व पितृ अमावस्या पर काली चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं, ऐसा करने से आपको सभी पापों से मुक्ति मिलेगी।

6. जो लोग गया का श्राद्ध कर चुके है और उसके बाद घर मे किसी की मृत्यु न हुई हो तो पिंड दान, तर्पण वाली विधि न करे बाद वाली पांचों उपाय करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here