धर्मसोत ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉरलशिप स्कीम शुरू करने पर मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह का किया धन्यवाद

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से नयी एस.सी. पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम शुरू करने पर उनका धन्यवाद करते सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि यह स्कीम मुख्यमंत्री के दूर-अन्देशी और ज़रूरतमंदों के प्रति उनकी वचनबद्धता को दर्शाती है।
बीते दिन हुई मीटिंग के दौरान मंत्रीमंडल की तरफ केंद्र की बंद हो चुकी स्कीम की जगह नयी स्कॉलरशिप स्कीम की शुरुआत को मंज़ूरी दे दी गई है।

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स. धर्मसोत ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुये कहा कि केंद्र सरकार ने मनमाने ढंग से इस स्कीम को चालू रखने से अपने हाथ पीछे खींच कर हज़ारों विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में डाल दिया है। मंत्री ने कहा कि राज्य की नयी योजना से अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों को सरकारी और प्राईवेट संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की निजी वचनबद्धता संबंधी बताते हुये स. धर्मसोत ने कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत आय के मापदण्डों को 2.5 लाख रुपए से बढ़ा कर 3 लाख रुपए करने से अधिक से अधिक विद्यार्थियों को इस स्कीम में शामिल करने में सहायता मिलेगी।

अकादमिक सैशन 2020 -21 से शुरू होने वाली यह योजना पंजाब के निवासी अनुसूचित जातियों (एस.सी.) से सम्बन्धित विद्यार्थियों के लिए लागू होगी, जिन्होंने पंजाब (समेत चण्डीगढ़) से दसवीं पास की है। इस स्कीम के अधीन पंजाब के सभी केंद्र /राज्य सरकार और प्रायवेट संस्थान (जिसमें चण्डीगढ़ के संस्थान भी शामिल हैं) आऐंगे।
इस सम्बन्धी प्रस्ताव में लगभग 600 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रभाव पडऩे का अनुमान है। इसमें से सरकारी संस्थानों की अस्थायी देनदारी तकरीबन 168 करोड़ रुपए होगी और बाकी 432 करोड़ रुपए सम्बन्धी देनदारी प्रायवेट शैक्षिक संस्थानों और सरकार की होगी। इस संशोधित योजना के अंतर्गत राज्य की तरफ से प्राईवेट संस्थानों को 60 प्रतिशत की अदायगी करने सम्बन्धी विचारा गया है, इस सम्बन्धी सरकार की देनदारी 432 करोड़ रुपए का 60 प्रतिशत भाव लगभग 260 करोड़ रुपए बनती है।

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