कोविड दौरान राज्य के उद्योगों को राहत प्रदान करने के लिए उद्योग विभाग ने उठाए कई रचनात्मक कदम

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के औद्योगिक विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित उद्योगों को बड़ी राहत देते हुए कई अहम पहलकदमियां की गई हैं। आज यहाँ जानकारी देते हुए पंजाब के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने बताया कि कोविड महामारी फैलने के बाद उद्योग विभाग ने पूरी सक्रियता के साथ काम किया और पंजाब राइट टू बिजऩेस एक्ट 2020, नये टेलीकॉम दिशा निर्देश 2020, जि़ला सुधार कार्य योजना 2019-20 के अलावा पी.ए.सी.एल. के विनिवेश की सफल उपलब्धि, जिससे 40.90 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ, जैसे कई प्रयास किये गए हैं। 

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श्री अरोड़ा ने आगे बताया कि विभाग इस साल के दौरान पी.एस.आई.डी.सी. पी.ए.सी.एल की 33.35 प्रतिशत हिस्सेदारी का विनिवेश प्राप्त करने में सफल हुआ है। अन्य बड़ी उपलब्धियों संबंधी विस्तार में बताते हुए मंत्री ने कहा कि कैबिनेट मीटिंग में मंज़ूरी के बाद भारत सरकार के आर.ओ.डब्ल्यू. (रो) रूल्ज़ के अनुसार नये टेलीकाम दिशा निर्देश 2020 नोटीफायी किये गए, जिससे राज्य के टेलीकॉम सैक्टर में निवेश बढऩे की उम्मीद है। इसके साथ ही टेलीकॉम सेवाएं प्रदान करने वालों के लिए कारोबार करने में असानता से राज्य में संपर्क और बेहतर होगा। विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान गृह मामले और न्याय विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उद्योगों के सुचारू कामकाज के लिए सुविधाएं प्रदान की गईं।

जि़ला उद्योग केन्द्रों के जनरल मैनेजरों द्वारा मंज़ूरियां/कफ्र्यू पास प्रदान करके उद्योगों को सहायता प्रदान की गई। मौजूदा समय में कोविड-19 के फैलाव से पहले की 2,59,799 इकाईयों में से 2,37,118 इकाईयाँ कार्यशील हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में नये स्थापित लघु, मध्यम और दर्मियाने उद्यमों (एम.एस.एम.ईज़) पर रेगुलेटरी बोझ को घटाने के लिए राज्य विधान सभा से 17.01.2020 को मंज़ूरी लेने के उपरांत 6.2.2020 को पंजाब राइट टू बिजऩेस एक्ट नोटीफायी किया गया, जिसके बाद 29.07.2020 को पंजाब रईट टू बिजऩेस रूल्ज़, 2020 नोटीफायी किये गए। इस एक्ट के अधीन औद्योगिक पार्कों/औद्योगिक क्षेत्रों में नयी स्थापित की जा रही एम.एस.एम.ईज़ इकाईयों को काम के 3 से 15 दिनों के अंदर सैद्धांतिक मंज़ूरी सम्बन्धी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए डिस्ट्रिक्ट ब्यूरो ऑफ एंटरप्रायजज़ को अधिकृत किया गया है।

जि़ला स्तर पर ईज़ ऑफ डुईंग बिजऩेस में सुधार और उद्यमियों और जि़ला स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों के दरमियान फिजिक़ल मुलाकातों को घटाने के लिए जि़ला सुधार कार्य योजना के अंतर्गत डी.पी.आई.आई.टी. द्वारा लाजि़मी सभी 45 सुधारों को लागू कर दिया गया है। डी.पी.आई.आई.टी. द्वारा राज्य सुधार कार्य योजना (एस.आर.ए.पी.) 2020 को लाजि़मी किया गया है, जिसके अंतर्गत अब तक 301 में से 285 सुधार लागू किये गए हैं। उद्योग को पेश कोविड संकट के मद्देनजऱ औद्योगिक इकाईयों को एफ.आई.आई.पी. आर-2013 से इंडस्ट्रियल एंड बिजऩेस डिवैल्पमैंट पॉलिसी, 2017 में प्रवास के लिए आखिऱी मौका प्रदान किया गया, बशर्ते कि वह इस विकल्प का प्रयोग 31.12.2020 तक कर सकते हैं।

भारत सरकार की योजना के अधीन बठिंडा में तकरीबन 1800 करोड़ रुपए की लागत के साथ 1300 एकड़ क्षेत्र में एक बड़े ड्रग फार्मा पार्क की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है और यह प्रोजैक्ट अक्तूबर महीने में मंज़ूरी के लिए भारत सरकार के समक्ष रखा गया। क्षेत्र में फार्मा सैक्टर की उभर रही ज़रूरत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गाँव वजीराबाद, फ़तेहगढ़ साहिब में 130.32 एकड़ क्षेत्र में एक ग्रीन फील्ड प्रोजैक्ट की स्थापना करना। यह प्रोजैक्ट ए.पी.आईज़ की विशाल किस्मों की बढ़ रही माँग को पूरा करेगा। इसका विचार कोविड-19 महामारी के दौरान बनाया गया जिसके लिए ग्राम पंचायत की 130.32 एकड़ ज़मीन खऱीदी गई है और ज़मीन का कब्ज़ा भी ले लिया गया है। सी.एल.यू. प्राप्त कर लिया गया है और प्रोजैक्ट की रूप-रेखा को अंतिम रूप दे दिया गया है।

20 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद का लाभ लेने के लिए भारत सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय की टी.आई.ई. योजना के अधीन प्रस्ताव पेश किया गया। प्रोजैक्ट के विवरण/अनुमानित लागत समेत डी.पी.आर. तैयार करने की प्रक्रिया प्रगति अधीन है। चारदीवारी की अनुमानित लागत प्राप्त हो गई है जिसका निरीक्षण किया जा रहा है। औद्योगिक फोकल प्वाइंटों की अपग्रेडेशन के लिए पी.एस.आई.ई.सी. द्वारा भारत सरकार के एम.एस.एम.ई. मंत्रालय की एम.एस.ई-सी.डी.पी. योजनाओं के अंतर्गत 17 प्रोजैक्ट शुरू किये जा रहे हैं। कुल प्रोजैक्ट की लागत लगभग 146.22 करोड़ रुपए बनती है।

17 प्रोजैक्टों में से, 4 प्रोजैक्ट प्रगति अधीन हैं और जल्द मुकम्मल होने की संभावना है, जबकि साइट में 8 प्रोजैक्टों पर काम चल रहा है। बाकी 5 प्रोजेक्टों के लिए भारत सरकार से फंड अभी प्राप्त नहीं हुए, जिस कारण काम अभी शुरू नहीं हुए हैं। भारत सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय की ट्रेड इन्फ्रास्ट्रकचर फॉर एक्सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत पंजाब के 5 आई.एफ.पीज़ में सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित और अपग्रेड किये जा रहे हैं। भारत सरकार से 29 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले प्रोजेक्टों को अंतिम मंज़ूरी मिल गई है।

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