कैबिनेट द्वारा बकाए की वसूली के लिए ‘पंजाब एकमुश्त निपटारा स्कीम-2021’ को मंजरी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। कोविड-19 की इस मुश्किल घड़ी में व्यापारिक भाईचारे ख़ासकर छोटे और मध्यमवर्गीय कारोबारियों को राहत प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पंजाब मंत्रीमंडल ने आज ‘पंजाब एकमुश्त निपटारा स्कीम-2021’ को मंज़ूरी दे दी है, जिससे वह अपने लम्बित बकाए का भुगतान और निपटारा कर सकें। एकमुश्त निपटारा स्कीम के लागू होने से सरकारी खज़ाने पर 121.06 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना 1 फरवरी, 2021 से पूरे राज्य में लागू की जाएगी, जिसके अंतर्गत सभी कारोबारी जिनकी असैसमैंट्स 31 दिसंबर, 2020 तक की जा चुकी है, वह 30 अप्रैल तक इस स्कीम के अंतर्गत अप्लाई कर सकते हैं। इसके साथ ही कारोबारी कानूनी फॉर्म जैसे सी-फॉर्म भी जमा करवा सकता है, जोकि असैसमैंट के समय एप्लीकेशन फॉर्म के साथ नहीं दिया गया और कारोबारी को सैल्फ-असेसमैंट करनी होगी और निपटारे के नतीजे के तौर पर देने योग्य मूल टैक्स की अदायगी के सबूत जमा करवाने होंगे। सम्बन्धित वॉर्ड इंचार्ज निपटारे का हुक्म जारी करेगा जिसको किसी भी तरह की समीक्षा या संशोधन के तौर पर दोबारा नहीं खोला जायेगा। जि़क्रयोग्य है कि कोविड-19 के कारण समाज के सभी वर्गों के लिए अनिर्धारित हालात पैदा हो गए हैं। कारोबारी भाईचारे, खासकर छोटे कारोबारियों ने तालाबन्दी और इसके बाद कारोबारी गतिविधियों में पतन के कारण बहुत नुकसान बर्दाश्त किया है। अलग-अलग ट्रेड एसोसिएशनों ने यह चिंता ज़ाहिर की कि उनको केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956 के अंतर्गत अंतर-राज्यीय लेन-देन पर टैक्स की रियायत/छूट प्राप्त करने के लिए निर्धारित कानूनी फॉर्म हासिल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने राज्य सरकार को पंजाब वेल्यु एडिड टैक्स एक्ट, 2005 और केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956 के अधीन बकाए के निपटारे के लिए एकमुश्त निपटारा स्कीम लाकर उनके लम्बित बकाए के भुगतान और निपटारे की अपील भी की।

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गौरतलब है कि जीएसटी को पूरे देश में 1 जुलाई, 2017 से लागू किया गया है। जीएसटी के दौर में सुचारू ढंग से काम करने के लिए यह ज़रूरी और उचित है कि पंजाब वैट एक्ट, 2005 और सी.एस.टी. एक्ट-1956 के अधीन लम्बित बकाए का निपटारा किया जाये। इसके अलावा, यह भी ज़रूरी है कि लैजेसी के मामलों में बकाए की वसूली की जाये और जल्द से जल्द इसका निपटारा किया जाये। वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए 47,627 कारोबारियों की असैसमैंट्स तैयार की गई। एकमुश्त निपटारा स्कीम के लागू होने से साल 2013-14 के लिए की गई असैसमैंट्स में, एक लाख रुपए तक की माँग वाले 40,000 से अधिक कारोबारियों को टैक्स में 90 प्रतिशत की छूट और ब्याज एवं जुर्माने में 100 प्रतिशत की राहत मिलेगी। उनको बकाया टैक्स की सिफऱ् 10 प्रतिशत अदायगी और ब्याज एवं जुर्माने की ज़ीरो कीमत अदा करने की ज़रूरत होगी। इस तरह इन 40,000 से अधिक कारोबारियों को 90.52 करोड़ रुपए की कुल माँग के मुकाबले सिफऱ् 6.70 करोड़ रुपए जमा करवाने पड़ेंगे। इसके अलावा साल 2013-14 के लिए की असैसमैंट्स में एक से पाँच लाख रुपए की माँग वाले 4755 कारोबारियों को ब्याज और जुर्माने में 100 प्रतिशत की राहत मिलेगी। इसी तरह 2005-06 से 2012-13 के वित्तीय सालों से सम्बन्धित 7004 मामलों में माँगे गए बकाए, अलग-अलग कारणों के कारण लम्बित पड़े हैं। इस एकमुश्त निपटारा स्कीम के लागू होने से इन मामलों में से 4037 मामलों में कारोबारियों को 90 प्रतिशत टैक्स छूट और ब्याज एवं जुर्माने में 100 प्रतिशत की राहत मिलेगी। उनको 9 करोड़ रुपए की बकाया माँग के निपटारे के लिए सिफऱ् 51 लाख रुपए जमा करवाने पड़ेंगे। प्रवक्ता ने आगे कहा कि साल 2005-06 से 2012-13 के 763 अन्य मामलों में मुकदमो की कार्यवाही मुकम्मल होने की उम्मीद है, क्योंकि इन मामलों में कारोबारियें को ब्याज और जुर्माने में 100 प्रतिशत की राहत मिलेगी।

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