बर्ड फ्लू से बचाव के लिए पौंग बाँध क्षेत्र में न जाएं लोग: डा.वासल, डा. हरविन्द्र

दातारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रकोप अभी पूरा विश्व झेल रहा है कि इसी मध्य नए वायरस बर्ड फ्लू ने आम लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है। पूरे देश के साथ-साथ कंडी में भी बर्ड फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसा पोंग बाँध की झील में आये लगभग 70 हजार से अधिक प्रवासी परिंदों में इस बीमारी के फैलने से हुआ है पोंग बाँध में 4 हजार से भी आधिक पक्षी इस रोग से मर चुके हैं।

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इस विषय में चर्चा करते हुए डा. राज वासल तथा डा.हरविन्द्र सिंह ने कहा कि बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से होता है। उन्होंने कहा प्रशासन ने तत्परता से  इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। ये वायरस संक्रमित पक्षियों और इंसानों दोनों के लिए भी बहुत खतरनाक है। बर्ड फ्लू एक वायरल इन्फेक्शन की तरह है, जो न सिर्फ पक्षियों, बल्कि दूसरे अन्य जानवरों और इंसानों के लिए भी उतना ही खतरनाक है। बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान इससे आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। ये वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे मौत भी हो सकती है।

डा.वासल तथा डा. हरविन्द्र सिंह ने बताया बर्ड फ्लू होने पर आपको कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बहना और बेचैनी जैसी समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा ऐसे लक्षण नजर आएं तो चिकित्सक से परामर्श लें। उन्होंने बताया बर्ड फ्लू कई तरह के होते हैं लेकिन एच.एन. पहला ऐसा एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो इनसानों को संक्रमित करता है। इसका पहला केस सन 1997 में हांग कांग में आया था।

उन्होंने बताया एच.एन प्राकृतिक रूप से पक्षियों में होता है पर पालतू मुर्गियों में आसानी से फैल जाता है। ये बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाले पानी के संपर्क में आने से होती है। उन्होंने कहा एहतियातन मुर्गी के अंडों को कच्चा या उबालकर नहीं खाना चाहिए। उन्होंने कहा एच.एन. में लंबे समय तक जीवित रहने की क्षमता होती है और यह पक्षियों के मल और लार में ये वायरस 10 दिनों तक जिंदा रहता है। उन्होंने कहा इसके फैलने का ज्यादा रिस्क  मुर्गीपालन से जुड़े लोगों को होता है। इसके अलावा संक्रमित जगहों पर जाने वाले, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले, कच्चा या अधपका मुर्गा, अंडा खाने वाले या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों को भी बर्ड फ्लू हो सकता है। उन्होंने कहा बेहतर तो यही है कि जैसे पौंग बांध क्षेत्र में यह वायरस सक्रिय है तो ऐसे इलाका में जाने से बचना चाहिए और पक्षियों की बीठ आदि के सम्पर्क में आने से बचना चाहिए और मांस अथवा अंडा खूब पका कर ही खाना चाहिये।

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