अजमेर संधू जी ने ब्रह्मज्ञान से अनेकों प्राणियों को गुरु व निरंकार से जोड़ा: महात्मा गोबिंद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। कहनी व कहनी के धारणी बनकर नाम जपने व जपाने वाले गुरसिख धन्य होते है। इन विचारों का प्रकटावा संत निरंकारी मंडल के प्रधान भाई गोबिंद सिंह ने बटाला में संत निरंकारी मंडल के पठानकोट जोन के जोनल इंचार्ज महात्मा अजमेर सिंह संधू के प्रेरणा दिवस समागम मौके किया। उन्होंने कहा कि अजमेर सिंह संधू ने अपने जीवन के 60 वर्ष गुरु को समर्पित होकर जीवन व्यतीत किया तथा ब्रह्मज्ञान द्वारा अनेकों प्राणियों को गुरु व निरंकार से जोड़ा। उन्होंने कहा कि उन्होंने देश व विदेशों में भी जाकर निरंकारी मिशन का प्रचार किया। वह निडर, दिलेर तथा कर्मयोगी महात्मा थे।

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उन्होंने कहा कि कर्मयोगी महात्मा के हृदय में हमेशा गुरु निरंकार समाया होता है तथा गुरसिख की रसना द्वारा संसार में गुरु प्रकट होता है। उन्होंने कहा कि अजमेर सिंह संधू हमेशा गुरु के हुक्म की पालना करके दास भावना में जीवन व्यतीत किया है। वह बिना किसी लालच के निष्काम सेवक थे। उन्होंने अपने जीवन में गुरु की विचारधारा को प्राथमिकता दी तथा परउपकार की भावना को नहीं त्यागा। उन्होंने कहा कि अजमेर सिंह संधू के जीवन से हम अच्छे गुरसिख के गुण ग्रहण करें जिस तरह उन्होंने अपना जीवन प्यार, विनम्रता, सहनशीलता तथा गुरु को समर्पित होकर व्यतीत किया है। हम सभी को एेसा जीवन व्यतीत करने की जरूरत है।

इस मौके पर संत निरंकारी के उपाध्यक्ष वी.डी. नागपाल, महासचिव मंडल पी.एस. चीमा, जोगिंदर कौर मैंबर इंचार्ज इडमिनस्ट्रेशन, उप मुख्य संचालक शुभकर्ण, सुरिंदर दत्ता उप मुख्य संचालक, जम्मू, पंजाब के सभी जोनल इंचार्ज , संयोजक, मुखी व अधिकारीगण तथा अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे।

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