नर्क के दुखों से केवल सत्कर्म ही बचा सकता है: आचार्य सुशील

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: पुष्पिंदर। नवरात्रि के पावन पर्व पर बीरबल नगर होशियारपुर में आयोजित श्री गणेश पुराण कथा के पंचम दिवस में श्री धाम वृंदावन से होशियारपुर पधारे हुए परम पूज्य संत आचार्य सुशील जी महाराज ने भगवान गणेश के रहस्यमयी प्रसंगों का भक्ति मार्ग के द्वारा वर्णन किया और बताया किस रंग की प्रतिभा से क्या लाभ होता है। पूजा की अन्यान्य क्रियाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान गणेश की पूजा किन-किन देशों में किस-किस नाम से होती है। भगवान शिव के त्रिशूल से कटा हुआ गणेश जी का सिर कहां गया।

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इस पर महाराज ने बताया कि श्री गणेश जी का वह कटा हुआ सिर चंद्रलोक में चला गया। इसीलिए संकट चतुर्दशी के दिन माताएं चंद्रमा का दर्शन कर श्री गणेश जी की पूजा करती हैं। इसके अतिरिक्त सभी नगर वासियों को गौ सेवा का संकल्प दिलाया। राम नवमी के पावन अवसर पर भगवान राम के जन्म की रहस्यमयी कथाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मां भगवती के नए स्वरूप सिद्धिदात्रि माता के पूजन एवं स्वरूप की विधियों के बारे में बताया तथा मानव अपने कर्मों और कुकर्मों के द्वारा स्वर्ग और नर्क भोगता है। इस दौरान महाराज ने 28 नर्कों का भी वर्णन किया। मनुष्य को सदैव सत्कर्म करते रहना चाहिए। नर्कों के भोग से सिर्फ सत्कर्म ही बचा सकते है क्योंकि चौपाई

    कर्म प्रधान विश्व रचि राखा
    जो जस करहिं सो तस फल चाखा

में बताया है अस्तु यजन ही यज्ञ है। यह सद्भाव भी व्यक्त करते हुए ग्रहस्थ जीवन में नित्य पांच प्रकार के यज्ञों का वर्णन किया क्योंकि मनुष्य जीवन में यज्ञ का बहुत बड़ा महत्व है, परमात्मा को प्राप्त करने का यज्ञ भी एक महत्वपूर्ण साधन है। अपने प्रवचन में भक्ति से जुड़े रहने का आग्रह किया। सांयकाल आरती से पहले सभी भक्तों ने माता सिद्धिदात्री के दर्शन कर पूजन का भी लाभ लिया।

इस दौरान पंडित श्याम ज्योतिषाचार्य, बनवारी लाल कालरा, संजीव तलवाड़, नीति तलवाड़, सुरिंदर मित्तल, अश्विनी कालिया, शंभु दत्त, डा. शिवाधार चौबे, डा. जय नारायण, संदीप, संजय शर्मा, सतीश पुरी, अरविंद वर्मा, गगन, संजय, गोपाल, राकेश, रामू, कमला काबरा, सुनीता शर्मा, गौरी शर्मा, शूचि शर्मा, पलक शर्मा व अन्य शामिल थे।

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