बीमा कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने बजट प्रस्तावों के खिलाफ की हड़ताल

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आल इंडिया इंश्योरेंस कर्मचारी एसोसिएशन एवं फेडरेशन आफ एलआईसी श्रेणी 1 आफिसर्ज एसोसिएशन के संयुक्त आह्वान पर पूरे देश में भारतीय जीवन बीमा निगम में एक दिवसीय हड़ताल की गई। इस हड़ताल के समर्थन में नैशनल फेडरेशन ऑफ फील्ड वर्कर्स एसोसिएशन ने देश भर में 2 घंटे के कार्य बहिष्कार हड़ताल का आह्वान किया है। देश के बाकी हिस्सों की तरह निगम के होशियारपुर शाखा में पूरी तरह सफल हड़ताल रही। भारतीय जीवन बीमा निगम एवं सामान्य बीमा संस्थानों में काम करने वाले बीमा कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने 1 अगस्त 2017 से लंबित वेतन बढ़ोतरी समझौते को शीघ्रातिशीघ्र संपन्न करने, भारतीय जीवन बीमा निगम को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने के निर्णय के खिलाफ सार्वजनिक बैंकों व सामान्य बीमा कम्पनियों का निजीकरन करने, बीमा उद्योग में विदेशी निवेश 49 प्रतिशत से बढक़र 74 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को रद्द करके उन्हें और अधिक सुदृढ़ करने जैसे मुद्दों पर अधिकारियों और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आज जालंधर में जीवन प्रकाश, मंडल कार्यालय के समक्ष एकत्र होकर रोष प्रदर्शन करते हुए सरकार के इन प्रस्तावों का विरोध किया। बीमा कर्मचारियों में वेतन संशोधन के सवाल पर साढ़े 3 वर्ष की आत्याधिक देरी पर कर्मचारियों के बीच भारी रोष पैदा हो रहा है। 21 दिसंबर को हुई वेतन वार्ता के बाद कोई प्रगति इस मुद्दे पर नहीं हुई है।

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जब कि सरकार एलआईसी में आईपीओ लाने, बीमा उद्योग में विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने, सामान्य बीमा कम्पनी, बैंक व अनेक सार्वजनिक संस्थान के साथ-साथ बीमा धारकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है ने अपनी संस्था के महत्त्वपूर्ण कार्य प्रदर्शन को बनाए रखने एवं बीमा धारकों सहित प्रत्येक हितधारकों के रूप में कर्मचारियों के साथ-साथ एलआईसी की रक्षार्थ अपना नागरिक कर्तव्य भी बाखूबी निभाएंगे। परंतु देश की सरकार देश के मुकुट का बहुमूल्य रत्न मानी जाने वाली सार्वजनिक संस्था एलआई सी को जिस तरह से निजीकरण की तरफ ले जाने की कुच्चेष्ठा कर रही है और उसके अनूठे कार्य प्रदर्शन के अनुरूप बीमा कर्मचारियों को बेहतर वेतन प्रस्तावों को देने में अनावश्यक देरी से उनके इंदर घर करते असंतोष और निराशा की भावना संस्था के लिए अच्छी बात नहीं है। सरकार उनके 1 अगस्त 2017 से लंबित पड़े वेतन समझौते में जारी अनावश्यक बाधाएं खड़ी करके उनके धैर्य की और अधिक परीक्षा न लें।

रैली को सम्बोधित करते हुए नार्दन जोन इंश्योरेंस इम्पलाइज़ एसोसिएशन के शाखा प्रधान लवकेश वासुदेव ने बताया कि एलआईसी में आईपीओ सम्बंधी बजट प्रस्ताव आत्मघाती है। एलआईसी के आईपीओ की प्रक्रिया को तेज करने और विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाने का सीधा अर्थ ‘आत्मनिर्भर’ को खुद सरकार द्वारा बट्टा लगाना है। अधिकारियों कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे का यह मानना है कि एलआईसी का आईपीओ लाकर सरकार राष्ट्रीयकरण के उद्देश्यों को खुद ही कमजोर कर रही है। सरकार ने चुपके से वित्त विधेयक में ही एलआईसी अधिनियम के बदलावों को समाहित कर लिया है। इस अवसर पर सतपाल ने भी सम्बोधित किया। इस मौके पर कुशल कुमार, सुरेन्द्र मोहन, अशोक भरोल, रम्भा कुमारी, अनिता रानी, कमलेश कुमारी, गुरदीप लाल, कुलविंदर सिंह, प्रवीण कुमार सहित वन और विकास अधिकारी भी शामिल हुए।

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