महंगा पड़ा रौब: आधी रात को हुई धुनाई, भाग खड़ा हुआ पत्रकार

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होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कहते हैं जो कार्य मर्यादित होकर किया जाए और कार्यशैली में मीठी वाणी का भी काफी प्रभाव रहता है। मगर जब इंसान दोनों मर्यादाएं लांघ जाता है तो परिणाम घातक होने स्वभाविक हैं। कुछ ऐसे ही एक दैनिक समाचारपत्र द्वारा संचालित चैनल के एक पत्रकार के साथ भी हुआ। भाई साहब को अपना शहर छोड़ अन्य शहर में पत्रकारिता का रौब दिखाना उस समय भारी पड़ गया, जब उसने सरकारी मुलाजिमों के साथ बदसलूकी की और गुस्साएं मुलाजिमों ने उसकी खूब खबर ली। जिसके चलते पत्रकार भाईसाहब को भागने पर मजबूर होना पड़ा।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार करीब 2-3 दिन पहले पंजाब के एक दैनिक समाचार पत्र द्वारा संचालित चैनल के एक पत्रकार द्वारा आधी रात (करीब 1.30-2 बजे) को होशियारपुर में एक नाके पर पहुंच कर बिना अपना परिचय दिए रौब झाडऩा शुरु कर दिया और वहां पर मौजूद कर्मियों को ‘दबके’ मारने शुरु कर दिए कि आप ड्यूटी छोडक़र अंदर क्यों बैठे हैं। उसने कर्मियों को आला अधिकारियों से फालऑन करवाने की बात तक कह डाली, जबकि कर्मी अपनी ड्यूटी पर पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात थे और बारिश के कारण कार्यालय के भीतर मौजूद थे। सूत्रों की माने तो पत्रकार महोदय किसी अन्य शहर से आकर यहां पर अपनी पत्रकारिता का रौब झाड़ते रहे व इस दौरान उनके अपने चैनल से संबंधित कोई भी लोकल पत्रकार मौजूद नहीं था। पत्रकार महोदय द्वारा मुलाजिमों के साथ दुरुव्यवहार करना शुरुकर दिया गया और देखते ही देखते मामला गर्मा गया और इससे पहले कि मुलाजिम आपे से बाहर होते पत्रकार भाईसाहब अपना आपा खो बैठे और न जाने उन्होंने क्या-क्या पढ़ डाला तथा देख लेने की धमकियां देनी शुरु कर दी।

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इस पर मुलाजिमों का गुस्सा भडक़ उठा और उन्होंने आव देखा न ताव पत्रकार महोदय को नम्रता का पाठ पढ़ाते हुए 2-4 जड़ डाली। जिस पर पत्रकार अपनी सारी पत्रकारिता को वहीं छोड़ भाग खड़ा हुआ। अब तक यह बात साफ नहीं हो पाई है कि पत्रकार महोदय ने जो खबर की वो किस चैनल व समाचारपत्र में चलाई/लगाई, परन्तु आधी रात को घटी घटना को लेकर पत्रकार गलियारों के साथ-साथ सभा-चौपालों में खूब चर्चा हो रही है कि भाई हर काम मर्यादा में ही ठीक लगता है। पत्रकारों का काम गलत काम का पर्दाफाश करना होता है न कि खुद गलत होकर दूसरों को नसीहत देना। जिसके चलते कई बार ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं कि पूरे पत्रकार जगत को ही शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है।

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