जालंधर: बेमौसमी बारिश के कारण मंडियों में किये पुख़्ता प्रबंध

जालंधर, 23 अप्रैल: कोविड -19 के कारण ज़िले की मंडियों में जहाँ गेहूँ की खरीद प्रक्रिया को उचित ढंग के से पूर्ण  करने के लिए सभी ज़रुरी प्रबंध किये गए है, वहीं किसानों की फ़सल को बेमौसमी बारिश में गीला होने से बचाने के लिए भी पुख़्ता प्रबंधों को यकीनी बनाया गया है। इसके साथ ही सीधी अदायगी के लिए किसानों की ‘अनाज खरीद पोर्टल’ पर रजिस्ट्रेशन के लिए ज़िले की 12 मार्केट समितियों में ‘फार्मर हैल्प डैस्क’ स्थापित किये गए हैं, जिनको किसानों की तरफ से सर्मथन दिया जा रहा है और अब तक 217.41 करोड़ रुपए की सीधी अदायगी किसानों के बैंक खाते में की जा चुकी है।

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                इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि किसानों को बिना किसी असुविधा के गेहूँ की खरीद के साथ-साथ लिफ्टिंग और अदायगी के काम को सभ्यक ढंग से पूर्ण किया  जा रहा है। इस के साथ ही ख़ुराक और सिविल सप्लाई विभाग और ज़िला मंडी बोर्ड को बेमौसमी बारिश के कारण ज़रुरी प्रबंधों को यकीनी बनाने के आदेश दिए गए है, जिससे किसानों की तरफ से मंडियों में लाई फ़सल को नुक्सान से बचाया जा सके।     

                उन्होनें गेहूँ की खरीद सम्बन्धित जानकारी देते हुए बताया कि अब तक मंडियों में 320861 मीट्रिक टन गेहूँ की आमद हुई है, जिसमें से 319033 मीट्रिक टन फ़सल की खरीद हो चुकी है और खरीद की गई फ़सल की अदायगी के तौर पर 217.41 करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किये जा चुके हैं।

                अलग -अलग खरीद एजेंसियों की तरफ से गई खरीद के विवरण सहित जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि अब तक पनग्रेन की तरफ से 91995 मीट्रिक टन, मार्कफैड्ड की तरफ से 84777, पनसप की तरफ से 69270, पंजाब स्टेट वेयर हाऊस की तरफ से 43404 और एफ.सी. आई. की तरफ से 29587 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद की गई है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि राज्य सरकार के आदेशों पर ज़िला प्रशासन किसानों को बिना किसी परेशानी के गेहूँ की खरीद प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए वचनबद्ध है और मंडियों में कोविड -19 के दौर में फ़सल की उचित खरीद प्रक्रिया को यकीनी बनाने के लिए मज़बूत व्यवस्था तैयार किया गया है।

                दूसरी तरफ़ ज़िला ख़ुराक और सिविल सप्लाई कंट्रोलर नरिन्दर सिंह ने बताया कि बेमौसमी बारिश कारण सभी ओपन स्टोरेज भंडारों को ढकने को यकीनी बनाया गया है ,जिससे किसानों की फ़सल को बारिश में गीला होने से बचाया जा सके। ज़िला मंडी अधिकारी मुकेश कैलों अनुसार गेहूँ की फ़सल को बारिश में भीगा हुआ से बचाने के लिए आढतियों की तरफ से मंडियों में पडी गेहूँ की ढेरी के अनुसार तरपालें

 उपलब्ध करवाई गई हैं।

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