होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के मद्देनजर हिमाचल के सभी मंदिर बंद करने के विरोध में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने चेतावनी दी थी कि अगर हिमाचल सरकार ने मंदिर बंद करने का फैसला वापिस न लिया तो हिमाचल से आने वाली गाडिय़ों को पंजाब में घुसने नहीं दिया जाएगा। इसके चलते जिला पुलिस प्रशासन द्वारा सेना के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें समझाया कि सरकार ने यह फैसला अस्थायी तौर पर लिया है और उम्मीद है कि जल्द ही सरकार इस फैसले पर विचार जरुर करेगी।
इसलिए इस मामले को लेकर संघर्ष का रास्ता छोड़ें और लोगों को जागरुक करने में पुलिस द्वारा चलाए अभियान में मदद करें। एसएसपी के निर्देशों पर डीएसपी जगदीश राज अत्री के साथ हुई बैठक में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश महासचिव लक्की ठाकुर, कृष्ण गोपाल आनंद, मोंटी ठाकुर व अश्विनी छोटा मौजूद थे। लक्की ठाकुर ने कहा कि सरकारें धार्मिक आस्था पर चोट करने से परहेज करें। उन्होंने कहा कि सरकार को मंदिरों को बंद करने के स्थान ऐसी व्यवस्था लागू करनी चाहिए थी कि लोग धार्मिक स्थानों पर माथा भी टेकते और कोरोना से भी बचे रहते। लेकिन हिमाचल सरकार ने तुगलकी फरमान जारी करके धार्मिक भावनाओं को आहत करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि उनकी संस्था ने सदैव सरकारों और प्रशासन को सहयोग की नीति से कार्य किया है, लेकिन इस प्रकार के फैसले मंजूर नहीं किए जा सकते। लक्की ठाकुर ने बताया कि डीएसपी द्वारा विश्वास दिलाने पर कि उम्मीद है कि जल्द ही हिमाचल सरकार अपने इस फैसले पर विचार करेगी और लोगों की धार्मिक आस्था पूरी करने की तरफ कदम बढ़ाएगी, का आश्वासन दिए जाने पर फैसला लिया गया है कि अब पुलिस द्वारा चलाई गई मुहिम में सहयोग किया जाएगा। लेकिन हिमाचल की गाडिय़ों को यहां आने से रोकने के लिए संस्था कोई ठोस फैसला हिमाचल सरकार की तरफ से न आने पर किसी भी समय कर सकती है। इसलिए हिमाचल सरकार और भाजपा नेताओं से अपील है कि वे हिमाचल में धार्मिक स्थानों के द्वार खुलवाएं ताकि लोग अपने इष्ट के दर्शन कर सकें।