होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। देश में कोरोना महामारी पर नकेल डालने के लिए एक मई से 18 मई से लेकर 45 वर्ष की आयु तक के नौजवानों को कोरोना के खिलाफ वैक्सीन लगाने की योजना है। स्वास्थ्य माहिरों के अनुसार वैक्सीन लगाने के 28 दिन बाद ही रक्तदान किया जा सकता है। कोविड-19 महामारी कारण फीलड में बहुत कम रक्तदान कैंप लगाए जा रहे हैं। ब्लड सैंटरों में रक्त की पूर्ति स्वै इच्छा के साथ रक्तदानियों द्वारा किया जा रहा है। ज्यादातर रक्तदानी 18 से 45 वर्ष के हैं। इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन और इम्यूनो हिमेटोलॉजी (आईएसबीटीआई) और स्वै सेवी संस्थाएं 18 से 45 वर्ष तक के लोगों को प्रेरित कर रही हैं कि कोरोना विरुद्ध वैक्सीन लगाने से पहले नौजवान रक्तदान जरुर करें ताकि आने वाले दो-तीन महीनों दौरान ब्लड सैंटरों में रक्त की कमी का सामना न करना पड़े। इस कड़ी में मैडिकल कालेज पटियाला के विद्यार्थी करनवीर सिंह सुनेत ने वैक्सीन लगाने से पहले भाई कन्हैया की चैरीटेबल ब्लड सैंटर में रक्तदान किया।
गौरतलब है कि करन सिंह सुनेत के पिता प्रो. बहादर सिंह सुनेत पंजाब के प्रसिद्ध रक्तदानी है। प्रो. बहादर सिंह सुनेत व उनकी धर्म पत्नी प्रिंसीपल रचना कौर ने सुनेत परिवार की दूसरी पीढ़ी भी रक्तदान लहर की तरफ चल पड़ी है। इस अवसर पर आईएसबीटीआई के पंजाब चैपटर के पैटरन डा. अजय बग्गा और भाई घनैया जी ब्लड सैंटर के टैक्लीनकल सुपरवाइजर दिलबाग सिंह ने करनवीर सिंह सुनेत को आशीर्वाद दिया और मैडल डालकर सम्मानित किया। डा. अजय बग्गा ने कहा कि वैक्सीन लगवाने वाले 18 से 45 वर्ष के नौजवान वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के 28 दिन बाद ही रक्तदान कर सकते हैं और इसी तरह पहली डोज और रक्तदान में करीब दो माह से अधिक का समय लग सकता है। उन्होंने रक्तदानियों को अपील की कि देश में ब्लड सैंटरों को रक्त की कमी का सामना न करना पड़े इस लिए पहली डोज की वैक्सीन लगवाने से पहले रक्तदान जरुर करें ताकि अस्पतालों में रक्त की कमी से दाखिल मरीजों की बुझ रही जीवन ज्योति को जगमगाए रखा जा सके।