स्वास्थ्य मंत्री ने विरोध-प्रदर्शन कर रहे एन.एच.एम. कर्मचारियों को जनहित के लिए ड्यूटी पर वापिस आने की अपील की

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)।राज्य में बढ़ रहे महामारी के फैलाव के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) के विरोध-प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों से अपील की कि वह जनहित को ध्यान में रखते हुये सोमवार (कल) से अपनी ड्यूटी पर फिर से उपस्थित हों। आज यहाँ से जारी बयान में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब इस समय महामारी से जूझ रहा है और दिन-प्रतिदिन कोविड-19 मामलों और मौतों में भारी विस्तार हो रहा है। परन्तु संकट की इस घड़ी में बेसहारा और जरूरतमंद लोगों की सेवा करने की बजाय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों ने हड़ताल को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, जो इंसानियत के लिहाज से बहुत दुर्भाग्यपूर्ण लगता है। श्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि जब पंजाब और पूरे देश में मैडीकल एमरजैंसी का माहौल बना हुआ है तो ऐसी गंभीर स्थिति के दौरान 776 कम्युनिटी स्वास्थ्य अधिकारियों (सी.एच.ओ.) और एन.एच.एम. कर्मचारियों की कुछ अन्य शाखाओं की तरफ से हड़ताल पर जाने का फैसला बड़ा हैरानीजनक है।

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श्री सिद्धू ने बताया कि सी.एच.ओज़ की भर्ती 2019 में से गई थी। उनकी नियुक्ति के बाद पंजाब सरकार ने सी.एच.ओज़ और सभी एन.एच.एम. कर्मचारियों को साल 2020 में सालाना 6प्रतिशत वृद्धि से बिना वेतन पर 12 प्रतिशत का विशेष विस्तार दिया था। राज्य सरकार की तरफ से पेश किये गये नयी प्रस्ताव संबंधी बताते हुये मंत्री ने कहा कि इस साल एन.एच.एम. के कर्मचारियों को 9 फीसदी पल्स 6 फीसदी वृद्धि के साथ वेतन देने के बारे कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के इलावा सी.ऐ.ओज़ को बनते वेतन के इलावा कोविड से सम्बन्धित ड्यूटियों निभाने के लिए 15000 प्रति महीना अलग से भत्ते दिए जाते हैं। सभी सी.ऐच.ओज़ और अन्य कर्मचारियों को विशेष अपील करते हुये स्वास्थ्य मंत्री ने उनको इस संकटकालीन दौर में हड़ताल पर न जाने के लिए कहा। मंत्री ने कहा कि राज्य में मैडीकल एमरजैंसी के मद्देनजर कर्मचारी 10 मई (सोमवार) को सुबह अपनी ड्यूटी पर फिर उपस्थित हों।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस हड़ताल ने खासकर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई ‘कोविड रोकथाम मुहिम’ को बहुत प्रभावित किया है। तंदुरुस्त पंजाब के स्वास्थ्य केन्द्रों के सी.एच.ओज़, ए.एनएमज और डाक्टरों और अन्य कर्मचारियों की एक हफ्ते से लम्बी गैर-हाजिरी के कारण पाजिटिवटी और मौत दर बढ़ी है क्योंकि वह कोविड-19 के शक्की मरीजों के नमूने लेने, संपर्क ट्रेसिंग और इलाज सम्बन्धी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा अगर एन.एच.एम. स्टाफ हड़ताल पर इसी तरह अड़ा रहता है तो इससे शहरी और ग्रामीण आबादी के लिए खतरनाक नतीजे निकल सकते हैं। उन्होंने बताया कि हालाँकि उक्त कर्मचारियों की दो सालों के दौरान दो बार वेतन में विस्तार दिया गया है। एन.एच.एम. के समूह कर्मचारियों से अपील करते हुये स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह हड़ताल पर न जाएँ और लोगों की कीमती जानें बचाने के लिए सबसे पहले अपने फर्ज को प्राथमिकता दें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कर्मचारी ड्यूटियों पर वापस मुड़ने सम्बन्धी उनकी अपील का जवाब नहीं देते तो राज्य सरकार उनके विरुद्ध आपदा प्रबंधन एक्ट के अंतर्गत सख्त कार्यवाही करने के लिए मजबूर होगी।

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