नर्सें मानवीय सेवा का प्रतीक हैं: बलबीर सिंह सिद्धू

चंडीगढ़, 12 मई: अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि समूची मानवता चिकित्सक भाईचारे की ऋणी है, क्योंकि वह कोरोना महामारी की शुरूआत से ही स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। स. सिद्धू ने बताया कि हर साल 12 मई अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाया जाता है और इस दिन स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सों की महत्ता को उजागर करना महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि साल 2020 और 2021 हर देश के लिए चुनौती भरे साल साबित हुए और कोरोना वायरस के फैलाव के डर से कोई बचा नहीं रहा, परन्तु इस स्वास्थ्य इमरजेंसी में मानवता की सेवा करने के लिए नर्सों को प्रशिक्षण देकर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए तैयार किया गया।

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उन्होंने कहा कि लेबर रूम्ज़ से फ्लू कॉर्नरों, इमरजैंसी वॉर्डों और कोविड केयर सैंटरों में नर्सें निर्विघ्न स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में नर्सें मरीज़ों की देखभाल में महत्वपूर्ण सेवाएं दे रही हैं, वह अपने परिवारों से भी दूर रह रही हैं और कोरोना वायरस के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए सख़्त मेहनत भी कर रही हैं। समूचे चिकित्सक भाईचारे ने उन नर्सों को श्रद्धांजली भेंट की जिन्होंने इस बीमारी से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी।

बताने योग्य है कि यह दिन फ्लोरेंस नाईटइंगेल की याद में मनाया जाता है, इस नर्स ने मानवता की सेवा के लिए काम किया और साल 1853-1856 में क्राईमिन युद्ध के दौरान बहुत से सैनिकों की जान बचाई और समर्पित भावना से निस्वार्थ सेवा का रास्ता दिखाया। साल 1974 में इंटरनैशनल काऊंसिल ऑफ नर्सिंग ने इस दिन को अंतरराष्ट्रीय नर्सेज़ दिवस के तौर पर मंज़ूरी दी। इस महामारी की मुश्किल घड़ी के दौरान नर्सों की कीमतीे सेवाएं हमें नम्रता और समर्पित भावना से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए प्रेरित करती हैं।

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