मुख्यमंत्री ने इन्वैस्ट पंजाब को केस आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए कहा

चंडीगढ़, 24 मई: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को इन्वैस्ट पंजाब को ऐसा मॉडल तैयार करने के लिए कहा है जहाँ केस आधारित उद्योगों की ज़रूरतों के अनुसार उद्योगों को प्रोत्साहन दिए जाएँ। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमैंट पर्मोशन (पी.बी.आई.पी.) के बोर्ड ऑफ गवर्नरज़ की तीसरी मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हाल ही में पास किया गया लाल फीताशाही विरोधी बिल लोगों को सेवाएं देने में सुधार लाने और उद्योगों को कारोबार में सुविधा मुहैया करवाने के लिए सरकार के सुधारों के प्रोग्राम का हिस्सा है, जिससे सरकारी प्रक्रियाओं पर पहले ही पुन: विचार करने और इसको और ज्य़ादा निवेश समर्थकीय बनाया जा सके। उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार निवेशकों को राज्य की तरफ खींचने और पंजाब के नौजवानों के लिए रोजग़ार के मौके पैदा करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने विशेष तौर पर कहा कि उनका लक्ष्य पंजाब के समूचे औद्योगिक विकास और ख़ुशहाली का हिस्सा बनने के लिए हर संभावित उद्यमी/उद्योगपति को सुविधा देना है। उन्होंने कामना की कि पंजाब देश का ही नहीं बल्कि विश्व का अग्रणी औद्योगिक राज्य बने।

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इसी दौरान इन्वैस्ट पंजाब के सी.ई.ओ. रजत अग्रवाल ने ब्यूरो द्वारा पिछले चार सालों के दौरान किए कार्यों के बारे में पेशकारी दी। यह बताया गया कि 84,500 करोड़ रुपए के 2394 प्रोजैक्ट राज्य में आए हैं। इनमें से 53 प्रतिशत प्रोजैक्टों द्वारा अपना व्यापारिक उत्पादन पहले ही शुरू कर दिया गया है और राज्य में अलग-अलग 35 प्रतिशत और प्रोजैक्ट शुरू होने के लिए निर्माण अधीन और ट्रायल उत्पादन अधीन हैं। कुल प्रोजेक्टों में से 24 प्रतिशत प्रोजैक्ट एस.ए.एस. नगर जबकि 22 प्रतिशत प्रोजैक्ट लुधियाना में आए हैं। राज्य के आंतरिक जि़लों जैसे कि संगरूर और बठिंडा और सरहदी जि़लों जैसे कि गुरदासपुर, अमृतसर और पठानकोट में भी निवेश हुआ है। अगर क्षेत्र के अनुसार बात की जाए तो 31 प्रतिशत प्रोजैक्ट उत्पादन, 15 प्रतिशत एग्रो और फूड प्रोसैसिंग, 8 प्रतिशत टेक्स्टाईल और 6 प्रतिशत अलॉए स्टील क्षेत्रों में लगे हैं। राज्य में निवेश फार्मास्यूटीकल, आई.टी. और आई.टी.ई.एस., ऑटो और सर्विस सैक्टर में भी हुआ है।

मुख्यमंत्री ने मार्च 2017 से अब तक 3.13 लाख नौजवानों के लिए रोजग़ार की संभावना वाली 84,500 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों के लिए इन्वैस्ट पंजाब की सराहना की। निवेश अन्य देशों जैसे कि जर्मनी, जापान, फ्रांस, अमरीका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, स्पेन, डेनमार्क, दक्षिणी कोरिया और न्यूज़ीलैंड से भी हुआ है। उन्होंने यह भी कामना की कि दिसंबर 2021 के आखिर तक पंजाब एक लाख करोड़ के निवेश के लक्ष्य को हासिल करे। विचार-विमर्श में हिस्सा लेते हुए हीरो ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरैक्टर पंकज मुंजाल ने लुधियाना की हाई-टेक साइकिल वैली में 500 करोड़ रुपए की लागत के इलैक्ट्रिक साइकिल और हाई-एंड बाईसाईकल स्थापित करने के लिए हर तरह का सहयोग देने के लिए पंजाब सरकार और इन्वैस्ट पंजाब का धन्यवाद किया। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी कंपनी ने हाईटैक साइकिल वैली में सुविधाएं स्थापित करने के लिए जापानी कंपनी यामाहा और मित्सुई के अलावा जर्मनी और यू.के. की अन्य कंपनियों के साथ समझौता किया है। उन्होंने कहा कि अकेले ई-साइकिल मार्केट उद्योग का वैश्विक सामथ्र्य 5 लाख करोड़ रुपए है, जिसमें से भारत का हिस्सा सिफऱ् 2 प्रतिशत यानि 10,000 करोड़ रुपए है, जो आगे 50,000 करोड़ रुपए तक बढ़ाया जा सकता है।
इस दौरान सी.आई.आई. पंजाब स्टेट काऊंसिल के चेयरमैन भवदीप सरदाना ने सरकार की उद्योग समर्थकीय नीतियों और समूचे मंडी गोबिन्दगढ़ को पुनजीर्वित करने के लिए सरकार की सराहना की। उन्होंने सेकेंडरी स्टील, फौरजि़ंग और मशीनिंग में मौजूदा विकास और संभावनाओं को देखते हुए पंजाब में स्टील सिटी स्थापित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। श्री टूल इंडस्ट्रीज़ के मैनेजिंग डायरैक्टर एस.सी. रलहन ने हैंड एंड पावर टूल के निर्माण के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, जिससे इसका निर्यात सामथ्र्य बढ़ाकर 3000 करोड़ रुपए तक किया जा सके। वर्धमान समूह के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरैक्टर सचित जैन ने प्रोजेक्टों के व्यापारिक उत्पादन और निर्माण अधीन चल रहे प्रोजेक्टों के व्यापारिक उत्पादन के मामले में इतनी उच्च प्रतिशतता प्राप्त करने के लिए राज्य की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री को जापान की आईची स्टील्ज़ द्वारा पंजाब में वर्धमान स्टील्ज़ के द्वारा किए गए निवेशों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने आगे बताया कि वर्धमान स्टील्ज़ अपने प्रोजैक्ट के विस्तार के लिए और 200 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बना रहा है। इन उद्यमियों द्वारा दी गई जानकारी पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने पी.बी.आई.पी. को उनके सुझावों पर गौर करने के लिए कहा और राज्य में हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया, जोकि समय की ज़रूरत है।


इस मौके पर बोलते हुए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि वह औद्योगिक क्षेत्र में 84,500 करोड़ रुपए के निवेश के बारे में जानकर बहुत ख़ुशी महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य में बड़े स्तर पर निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व की गवाही देता है। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि पंजाब को निवेश के लिए पहली पसंद के तौर पर चुनने के लिए देश और विश्व भर से इच्छुक उद्यमियों और उद्योगपतियों को मार्गदर्शन देने के लिए ब्यूरो की चोटी की टीम के साथ नई दिल्ली में एक हाई-एंड कार्यालय स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के पास राजपुरा, बठिंडा और गोइन्दवाल साहिब में उद्योगों के लिए काफ़ी ज़मीन है, जिनका सर्वोत्तम प्रयोग किया जा सकता है और पंजाब में अपना उद्यम स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को पेश किया जा सकता है। मीटिंग में अन्यों के अलावा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, मुख्य सचिव विनी महाजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव बिजली ए वेनू प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास अनिरुद्ध तिवाड़ी, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन संजय कुमार, प्रमुख सचिव वित्त के.ए.पी. सिन्हा, प्रमुख सचिव निवेश प्रोत्साहन कम उद्योग एवं वाणिज्य आलोक शेखर, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य हुसन लाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और सचिव स्थानीय सरकार अजोए शर्मा उपस्थित थे।

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