कोविड-19 के दौर में बच्चों के सर्वांगीण विकास में डिजिटल पेरेंट मार्गदर्शक प्रोग्राम निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका: विपुल उज्जवल

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। डायरेक्टर सामाजिक सुरक्षा महिला व बाल विकास विभाग विपुल उज्जवल ने कहा कि कोविड-19 के दौर में जब पूरी दुनिया लॉकडाउन थी, ऐसे में प्रदेश के 6 वर्ष के कम आयु के बच्चों के सर्वांगीण विकास में आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से डिजिटल पेरेंट मार्गदर्शक प्रोग्राम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे आज जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में जिला होशियारपुर, गुरदासपुर, नवांशहर, जालंधर व कपूरथला के सी.डी.पी.ओज, सुपरवाइजरों, आंगनवाड़ी वर्करों व बच्चों के अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने इस प्रोग्राम को सफल बनाने वाले उक्त प्रत्येक जिलों के  2-2 सी.डी.पी.ओज,  3-3 सुपरवाइजरों व 3-3 आंगनवाड़ी वर्करों को सम्मानित भी किया। इसके अलावा उन्होंने बेस्ट प्रोफार्मेंस वाले अभिभावकों होशियारपुर के गांव खडक़ां से संगीता रानी, गांव चक्क साधु से यमुना देवी, गांव भीखोवाल से कुलविंदर कौर व गांव कोठे जट्टां से अमनदीप कौर को भी सम्मानित किया।

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डायरेक्टर सामाजिक सुरक्षा महिला व बाल विकास विभाग ने पांच जिलों के बेस्ट परर्फामेंस वाले सी.डी.पी.ओज, सुपरवाइजरों, आंगनवाड़ी वर्कर व अभिभावकों को किया सम्मानित, उक्त प्रोग्राम में प्रदेश में अग्रली जिले के रुप में उभरा है जिला होशियारपुर

डायरेक्टर सामाजिक सुरक्षा महिला व बाल विकास विभाग ने कहा कि कोविड-19 के दौर में प्रदेश में 5 सितंबर 2020 को डिजिटल पेरेंट मार्गदर्शक प्रोग्राम लांच किया गया था और 14 नवंबर 2020 को इस प्रोग्राम को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया था, जिनमें होशियारपुर जिला अग्रणी जिले के रुप में उभर कर सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम के माध्यम से सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को मैराकी फाउंडेशन की ओर से तैयार की गई वीडियोज आयु वर्ग के हिसाब से भेजी जा रही है, जिसको आंगनवाड़ी वर्कर आगे बच्चों के अभिभावकों तक पहुंचाती है ताकि बच्चे के सामाजिक व मानसिक विकास में कोई रुकावट न आए। उन्होने कहा कि इस प्रोग्राम के बहुत सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिसके लिए विभाग के डी.पी.ओज, सी.डी.पी.ओज , सुपरवाइजर व आंगनवाड़ी वर्कर प्रशंसा के पात्र है। उन्होंने कहा कि स्कूल जाने से पहले बच्चों के सर्वागीण विकास में आंगनवाड़ी केंद्रों की एक महत्वपूर्ण भूमिका है और यहां से ही बच्चे रचनात्मक क्रियाएं सीख कर स्कूली शिक्षा की ओर से अग्रसर होते हैं, इस लिए यह बहुत जरुरी है कि आंगनवाड़ी केंद्र उभर कर सामने आएं। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर विभाग की सबसे मजबूत कड़ी है क्योंकि उनकी कार्य प्रणाली ही विभाग की छवि बनाती है।  
विपुल उज्जवल ने कहा कि कोविड-19 के कारण सरकार की ओर से बच्चों की अलग-अलग रचनात्मक क्रियाओं के बारे में डिजिटल पेरेंट मार्गदर्शक प्रोग्राम के माध्यम से जागरुकता लाई गई है। उन्होंने कहा कि इसको सुचारु ढंग से जिलों में लागू करने में जिला प्रोग्राम अधिकारियों का विशेष योगदान रहा है। इस प्रोग्राम की जागरुकता के लिए डी.पी.ओज, सी.डी.पी.ओज की ओर से जूम पर वर्कर व मां-बाप से बैठक की गई। सी.डी.पी.ओज की ओर से सुपरवाइजरों को जानकारी दी गई कि कोविड-19 के चलते छोटे छोटे समूहों में आंगनवाड़ी वर्कर के साथ बैठक करें। इसके अलावा सुपरवाइजरों की ओर से गाइड करने पर आंगनवाड़ी वर्करों ने घर-घर जाकर मां-बाप को डिजिटल पेरेंट मार्गदर्शक प्रोग्राम की महत्ता के बारे में जागरुक किया, आंगनवाड़ी वर्करों की ओर से उनके मां-बाप की ओर विशेष ध्यान दिया गया जो कि पिछड़े इलाके से थे व कैमरे पर आने से झिझकते थे।
इस मौके पर जिला प्रोग्राम अधिकारी अमरजीत सिंह भुल्लर, मैराकी फाउंडेशन के सी.ई.ओ. सीमांत डडवाल, सी.डी.पी.ओ होशियारपुर ब्लाक-2 रणजीत कौर के अलावा होशियारपुर, नवांशहर, जालंधर, कपूरथला व गुरदासपुर के अधिकारी भी मौजूद थे ।

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