पत्र वायरल: रामपाल, सुखविंदर कौर चार्जशीट तथा प्रिं. किरण सैनी की कार्यप्रणाली पर संदेह

complaint-letter-education-department-hoshiarpur-letter-viral

complaint-letter-education-department-hoshiarpur-letter-viral

रिपोर्ट: कुमार, होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आए दिन किसी न किसी मामले को लेकर अकसर चर्चा में रहने वाले जिला शिक्षा विभाग इन दिनों विभागीय गोपनीयता के सार्वजनिक होने से खूब चर्चाओं में है। आलम ये है कि जिन पत्रों को गोपनीय रखा जाना चाहिए था वो विभागीय पत्र कर्मियों द्वारा बनाए गए वाट्सअप ग्रुप और फेसबुक अकाउंट्स पर खूब वायरल हो रहे हैं। जिसे लेकर जहां विभाग के भीतर अंतरद्वंद छिड़ गया है वहीं विभाग की खूब जगहंसाई भी हो रही है।

Advertisements

complaint-letter-education-department-hoshiarpur-letter-viral

-होशियारपुर शिक्षा विभाग से संबंधित तीन पत्र हुए वायरल-

जानकारी अनुसार शिक्षा विभाग से संबंधित 3 पत्र इन दिनों वायरल हो रहे हैं। इन पत्रों में दो पत्र पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी रामपाल सिंह तथा दूसरा मैडम सुखविंदर कौर से संबंधित है और तीसरा सरकारी स्कूल घंटाघर की प्रिंसिपल मैडम किरण सैनी से संबंधित है।

पहले दो पत्रों में रामपाल और सुखविंदर कौर को चार्जशीट किए जाने संबंधी पत्र हैं तो तीसरे पत्र में किरण सैनी की कार्यप्रणाली व स्कूल की स्थिति करे बारे में शिकायत की गई है। ये पत्र किसी गुमनाम व्यक्ति द्वारा जारी किया गया है। इस पत्र में शिकायतकर्ता ने शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार को स्कूल की प्रिंसिपल की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया व सारी स्थिति से अवगत करवाते हुए जांच की मांग की है।

पत्र में प्रिंसिपल पर क्या लगे हैं आरोप?
सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल घंटाघर की प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है कि 2014-15 में स्कूल में बच्चों की संख्या 1100 थी, जोकि किरण सैनी के कार्यकाल में कम होकर 500-600 रह गई है, जिसकी जांच की जरुरत है। कक्षा 9वीं के 30 विद्यार्थी फेल कर दिए गए और अंग्रेजी की कक्षाएं बंद कर दी गई।

complaint-letter-education-department-hoshiarpur-letter-viral

complaint-letter-education-department-hoshiarpur-letter-viral

स्कूल में बंद कर दिए गए हैं फिजीकल एजुकेशन, हिंदी और म्यूजिक के विषय

शिकायतकर्ता ने शिकायत की है कि स्कूल में पिछले लंबे समय से चल रहे फिजीकल एजुकेशन, हिंदी व म्यूजिक आदि विषयों को बंद कर दिया गया और विद्यार्थियों को मजबूर किया गया कि या तो वे स्कूल छोड़ जाए अन्यथा विद्यार्थी इक्नोमिक्स, पॉलिटिकल साइंस आदि विषयों का चुनाव करें। पत्र में यह भी लिखा गया है कि प्रिंसिपल ने ऐसा अपने किसी रिश्तेदार के स्कूल को लाभ पहुंचाने के लिए किया है।

शिकायत में यह भी लिखा है कि एक कर्मचारी जोकि नवंबर 2016 से स्कूल में कार्य कर रहा है उसको वेतन भी जारी नहीं किया जा रहा और वह कर्मचारी अन्य कर्मचारियों से उधारी लेकर अपना जीवन निर्वाह कर रहा है। इसके अलावा एक अन्य पार्ट टाइम दर्जा 4 कर्मचारी को जुलाई 2015 से वेतन जारी नहीं किया गया, जिसके लिए मामला माननीय अदालत में चल रहा है।

शिकायतकर्ता ने स्पष्ट तौर पर आरोप लगाया है कि ऐसी अनियमितताएं पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी की छत्रछाया में ही की गई। शिकायतकर्ता ने लिखा है कि श्रीमती किरण सैनी ने कम्प्यूटर लैब से ए.सी. उतरवाकर अपने कार्यालय में लगवा लिया है, जबकि कार्यालय में पहले से ही पांच पंखे लगे हुए हैं और कक्षाओं में पंखे ठीक से नहीं चलते। इसके इलावा 1965 से चल रहा एन.सी.सी. विंग बंद करवाने में प्रिंसिपल किरण सैनी का अहम योगदान रहा है। शिकायतकर्ता ने पत्र के अंत में शिक्षा सचिव से आग्रह किया है कि वह निजी तौर पर स्कूल में आकर पड़ताल करें तथा इसके लिए वह किसी पड़ताल कमेटी का गठन न करवाएं और न ही किसी अन्य अधिकारी की इसके लिए ड्यूटी लगाएं।

इस संबंध में प्रिंसिपल श्रीमती किरण सैनी ने कहा कि उन्हें शिकायत संबंधी कोई जानकारी नहीं है। स्कूल में कम हुई विद्यार्थियों की संख्या के बारे में उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में सरकार द्वारा बहुत से स्कूल अपग्रेड किए गए हैं जिसके कारण विद्यार्थी अपने घर के नजदीक वाले स्कूल में दाखिला लेने को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर लैब का ऐसी लैब में ही चल रहा है और एनसीसी विंग भी चल रहा है।

मामले की जांच की जाएगी
उपजिला शिक्षा अधिकारी रकेश कुमार ने वायरल हुए पत्रों के बारे में कहा कि उन्हें कार्यालय में प्रिंसिपल किरण सैनी से संबंधित कोई भी शिकायत नहीं मिली है। जब उनसे पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी रामपाल सिंह सैनी और मैडम सुखविंदर कौर से संबंधित चार्ज शीट वाले पत्रों के बारे में पूछा गया कि ये विभागीय पत्र कैसे वायरल हुए तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच करवाई जाएगी।

जिला शिक्षा अधिकारी एलीमेंट्री शिक्षा जालंधर रामपाल सिंह ने कहा कि यह पत्र विभाग का आंतरिक मामला है। इस प्रकार विभागीय पत्रों का सार्वजनिक होना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अन्य भी कई अधिकारियों को चार्ज शीट जारी होती रहती हैं, लेकिन इन दो पत्रों को क्यों वायरल किया गया समझ से बाहर है।

मैडम सुखविंदर कौर ने कहा कि कि उच्च अधिकारियों द्वारा जारी हर आदेश का पालन करना उनका कर्तव्य है। विभाग द्वारा जो भी आदेश दिए जाते हैं उनका नियमों के अनुसार पालन किया जाता है।

complaint-letter-education-department-hoshiarpur-letter-viral

complaint-letter-education-department-hoshiarpur-letter-viral

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here