कृषि विज्ञान केंद्र ने मूंगफली की काश्त संबंधी खेत दिवस का किया आयोजन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। किसानों को मूंगफली की सफल काश्त संबंधी जोर देने के लिए कृषि प्रदर्शनियों की कारगुजारी दर्शाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से कृषि व किसान कल्याण विभाग भूंगा के सहयोग से बीते दिन गांव शेखां में खेत दिवस का आयोजन किया गया। खेत दिवस में माहिरों की ओर से मूंगफली की काश्त के बारे में तकनीकी लेक्चर सांझे किए गए। इस मौके पर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के तेलबीज सैक्शन के इंचार्ज व प्रमुख वैज्ञानिक(तेल बीज) डा. वीरेंद्र सरदाना ने मूंगफली की काश्त के ढंग, किस्मों का चुनाव, खादों का प्रयोग, नदीनों की रोकथाम व पौध सुरक्षा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी ने मूंगफली की नई किस्म(जे 87) दी है, जिस बारे में खेत दिवस आयोजित किया गया है। मूंगफली की यह किस्म, एक गुच्छेदार, लंबी व हल्के गुलाबी रंग की होती है। इसकी औसतन पैदावार बहार ऋतु में 15.3 क्विंटल प्रति एकड़ व खरीफ ऋतु में 12.8 क्विंटल प्रति एकड़ है व यह करीब 112 दिनों में पक जाती है। डा. सरदाना ने तिल व गोभी सरसों की काश्त के बारे में भी जरुर नुकते सांझे किए।

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डिप्टी डायरेक्टर(ट्रेनिंग) मनिंदर सिंह बौंस ने किसानी के प्रति कृषि विज्ञान केंद्र की सेवाओं के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने मूंगफली की फसल प्रदर्शनी के मनोरथ के बारे में बताया व यूनिवर्सिटी की ओर से मूंगफली की काश्त को और प्रफुल्लित करने के बारे में की जा रही कोशिशों के बारे में प्रकाश डाला। डा. बौंस ने मूंगफली पर और मुनाफा लेने के लिए इस प्रोसेसिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने किसानों को धान की पराली को न जलाने के बारे में जोर दिया व धान की पराली संभालने  के अलग-अलग तरीकों के बारे में जागरुक किया। सहयोगी प्रोफेसर(फसल विज्ञान) डा. गुरप्रताप सिंह ने किसानों को मिट्टी परीक्षण व जीवाणु खादों के प्रयोग के बारे में जागरुक किया व गेहूं की काश्त के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। भूंगा ब्लाक के कृषि विकास अधिकारी डा. संदीप सिंह ने किसानों की सुविधा के लिए विभागीय योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने किसानों को कृषि संबंधी समस्याओं के बारे में यूनिवर्सिटी, कृषि व किसान कल्याण विभाग से लगातार संपर्क रखने के लिए कहा।

खेत दिवस में इलाके के प्रगतिशील मूंगफली उत्पादक गांव शेखां के नरिंदर सिंह व सुरिंदर सिंह गांव मस्तीवाल के बिकरम सिंह, नरेश कुमार व धर्म सिंह, गांव राम टटवाली के दविंदर सिंह ने शमूलियत की व माहिरों के साथ अपनी शंकाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर किसानों की सुविधा के लिए गोभी सरसों व प्याज के बीज, दालों व तेलबीजों की किटें, सब्जियों की किटें, पशुओं के लिए धातु का चारा, पशु चाट ईंट, बाई पास फैट, मटरों व आलुओं के लिए जीवाणु खाद का टीका व खेती साहित्य भी मुहैया करवाया गया। अंत में भूंगा के ब्लाक टेक्नालाजी मैनेजर (आत्मा) डा. प्रितपाल सिंह थियाड़ा ने खेत दिवस में आए माहिरों व किसानों का रस्ती तौर पर धन्यवाद किया।

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