रोटरी आई बैंक एवं कार्नियल ट्रांसप्लांटेशन जैसी संस्थाओं के कार्य का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता: आशिका जैन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। रोटरी आई बैंक एवं कार्नियल ट्रांसप्लांटेशन सोसायटी की तरफ से प्रधान एवं प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अगुवाई में चलाए जा रहे प्रकल्पों के तहत दो लोगों की अंधेरी जिंदगी में रोशनी भरी गई। इस मौके पर सोसायटी पदाधिकारियों की उपस्थिति में दोनों व्यक्तियों की आप्रेशन उपरांत पट्टी खोली गई ताकि वह भगवान की बनाई इस दुनिया को देख सकें। इस अवसर पर नगर निगम की कमिशनर-कम-एडीसी आशिका जैन ने मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचकर सोसायटी द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी हासिल की और मानवता की सेवा हेतु उठाए जा रहे कदमों की सराहना की।

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सोसायटी पदाधिकारियों द्वारा मानव सेवी कार्यों की जानकारी प्रदान किए जाने उपरांत मुख्य अतिथि आशिका जैन ने कहा कि आज हमारा समाज ऐसी ही समाज सेवी संस्थाओं के बल पर काफी आगे बढ़ रहा है तथा लोगों में नेत्रदान के प्रति पहले से काफी जागरुकता आई है। उन्होंने कहा कि किसी को नई जिंदगी प्रदान करना सबसे बड़ा पुण्य कार्य है और रोटरी आई बैंक द्वारा किए जा रहे इन सेवा कार्यों का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता, क्योंकि नेत्रदान से बड़ा कोई दान नहीं है। उन्होंने सोसायटी पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि वह कहीं भी पोस्टड रहें, वे उन्हें पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगी तथा सरकार द्वारा इस संबंधी चलाई जाने वाले योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में हर संभव सहयोग करेंगी।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं गणमान्य सदस्यों का स्वागत करते हुए संजीव अरोड़ा ने उन्हें बताया कि किसी की मृत्यु होने उपरांत 6 से 8 घंटे तक आंखें जिंदा रहती हैं। जिन लोगों ने मृत्यु प्रणपत्र भरे होते हैं उनके परिजन आंखें दान करने संबंधी संस्था से संपर्क करते हैं तथा कई बार लोगों की अंतिम इच्छा अनुसार उनकी आंखें दान करना चाहते हैं, तो ऐसे में 6 से 8 घंटे के भीतर सोसायटी से संपर्क यकीनी बनाएं ताकि समय रहते आंखें दान ली जा सकें और उन्हें किसी जरुरतमंद को लगाया जा सके। श्री अरोड़ा ने कहा कि सूचना मिलने के आधे घंटे के भीतर सोसायटी की टीम विशेषज्ञ डाक्टर को साथ लेकर घर पहुंच जाती है और आंखें दान लेने की प्रक्रिया को मात्र 15-20 मिनट का समय लगता है। यही एकमात्र ऐसा दान है जिसे मरणोपरांत करना होता है, इसलिए मानव सेवा की कड़ी में इसे अंतिम एवं पुण्य कार्य कहा जाता है, जो किसी की अंधेरी जिंदगी में रोशनी भरता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को जीते जी नेत्रदान करने का प्रणपत्र जरुर भरना चाहिए। इसके साथ ही अगर आपके आसपास कोई ऐसा व्यक्ति है जो कार्नियल ब्लाइंडनैस से पीडि़त है तो इसकी जानकारी सोसायटी को अवश्य दें। सोसायटी द्वारा निशुल्क आंखें लगवाई जाती हैं।


इस अवसर पर सोसायटी के चेयरमैन जेबी बहल ने मुख्य अतिथि को संस्था सदस्यों द्वारा की जा रही निष्काम सेवा एवं अब तक करवाए गए आप्रेशनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सोसायटी 3450 लोगों को निशुल्क आंख लगवा चुकी है और यह सेवा कार्य दानी सज्जनों के सहयोग से करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इनमें 3 साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग जोकि पंजाब, हिमाचल, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर से संबंधित थे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आज जिन लोगों को आंखें लगाई गई हैं उनमें मेवा लाल जोकि दोनों आंखें से देख नहीं सकते थे व अहराणा कलां निवासी हैं तथा शशिकांत जोकि होशियारपुर निवासी हैं, एक आंख से नाममात्र देखने में सक्षम थे के आप्रेशन करवाकर उन्हें एक-एक आंख लगवाई गई है। आप्रेशन उपरांत अब दोनों नई आंख लगने से ठीक देखने लगे हैं।
इस मौके पर वित्त सचिव कुलदीप राय गुप्ता ने मेहमानों का स्वागत किया और मंच का संचालन करते हुए प्रिं. डीके शर्मा ने मुख्य अतिथि एवं सदस्यों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डा. जमील बाली, कुलदीप राय गुप्ता, प्रिं. डीके शर्मा, विजय अरोड़ा, आज्ञापाल सिंह साहनी, अमित नागपाल, जसवीर सिंह, अविनाश सूद, रमन वर्मा, सन्नी नारंग, तरुण सरीन, गौरव गर्ग, निपुण शर्मा, राजेश नकड़ा, जसदीप पाहवा, सुमित गुप्ता, पवन अरोड़ा, सुखविंदर सिंह, नरिंदर भाटिया, कुलवंत सिंह पसरीचा, एचके नकड़ा, राजिंदर मोदगिल, दविंदर सरीन, राकेश सहारन आदि मौजूद थे।

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