बीएसएफ को मिले अधिकार के बाद पंजाब की सियासत गर्माई, अकाली दल ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस भी बंटी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। बीएसएफ को 50 किलोमीटर में तलाशी तथा गिरफ्तारी का अधिकार मिलने के बाद पंजाब की राजनीति में भूचाल आ गया है। यहां एक ओर सीएम चरणजीत चन्नी और उनके मंत्रियों ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। वहीं, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने इशारों में अपनी ही सरकार पर हमला बोल दिया। जाखड़ ने बुधवार को एक ट्वीट कर मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी पर निशाना साधा था। सीएम चन्नी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बारे में जाखड़ ने कहा कि किसी से कुछ भी मांगते हुए बहुत सावधानी रखनी चाहिए। सीएम चन्नी कुछ दिन पहले शाह से मिले थे, जिसमें सीमा पार से नशा और हथियार की तस्करी को रोकने के लिए बॉर्डर सील करने की मांग की थी। सुनील जाखड़ ने कहा कि हमें अपने सुरक्षाबलों पर गर्व है, जो हर समय देश की सीमाओं की सुरक्षा और विदेशी हमलावरों से भारत की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात रहते हैं। नेताओं और सरकार द्वारा विफलताओं को छिपाने के लिए सुरक्षा बलों का इस्तेमाल करना गलत है। इससे न केवल हमारे वीर सुरक्षाबलों की बदनामी होती है बल्कि उनके मनोबल और तैयारियों पर भी गलत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने अकाली दल का मामला भी उठाया, जिसमें उन्होंने कहा कि अकाली दल ने अपनी सरकार के वक्त खुद की विफलताओं के लिए बीएसएफ के खिलाफ धरना दिया था जबकि वह बीएसएफ के अधिकारियों से मिलने गए थे।

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वहीं पंजाब में सीमा सुरक्षा बल को सीमा के 50 किमी अंदर सर्च करने के अधिकार देने पर सुखबीर बादल ने अकाली नेताओं के साथ चंडीगढ़ राजभवन पहुंचे। सुखवीर बादल यहां पर धरने पर बैठते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने को लेकर नाराजगी भी जताई। मामला बढ़ता देख चंडीगढ़ के सेक्टर-3 थाना पुलिस ने सुखबीर बादल, विक्रम मजीठिया समेत कई अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया। बता दें कि बॉर्डर सिक्योरटी फोर्स के अधिकार क्षेत्र की वृद्धि किए जाने के फैसले का विरोध वीरवार को सडक़ों पर भी दिखने लगा। शिअद ने केंद्र के इस फैसले के विरोध में चंडीगढ़ में पंजाब के राज्यपाल आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर धरना दिया। शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि पंजाब के दृष्टिकोण से यह फैसला बिल्कुल गलत है। पंजाब के नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पूरी तरह से इसको लागू करवाने के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए उन्हे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

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