आतंकियों की मदद करने वाले मां-बेटे समेत 3 कश्मीरी हिरासत में

जम्मू/मेंढर (द स्टैलर न्यूज़)। रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। जम्मू संभाग के पुंछ और राजौरी के जंगलों में आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन का आज (रविवार) सातवां दिन है। आतंकियों से मुठभेड़ में 2 अलग-अलग स्थानों पर दो जेसीओ समेत नौ जवान शहीद हुए हैं। रविवार को वन क्षेत्र में चल रहे तलाशी अभियान के दौरान एक महिला, उसके बेटे समेत 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सभी से पूछताछ की जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि भाटादूडिय़ां निवासी 45 वर्षीय महिला और उसके बेटे के साथ एक व्यक्ति को आतंकियों को खाने-पीने का सामान देने के संदेह में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इस बात की जांच की जा रही है कि तीनों ने स्वेच्छा से या बंदूक की नोक पर आतंकियों को भोजन और आश्रय प्रदान किया।
मेंढर से लेकर थानामंडी तक का पूरा वन क्षेत्र सख्त घेरे में
डीआईजी पुलिस राजौरी-पुंछ रेंज ने कहा कि पुंछ और राजौरी को जोडऩे वाले वन क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी देखी गई थी। इसके बाद उन्हें ट्रैक करने के लिए अभियान शुरू किया गया था। इस सप्ताह तीन बार आतंकवादियों से आमना-सामना हुआ। आतंकवादी छिपे हुए हैं और संयुक्त बल ऑपरेशन को अंजाम तक ले जाने में जुटे हैं। मेंढर से लेकर थानामंडी तक का पूरा वन क्षेत्र सख्त घेरे में है। बचने के प्रयास में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले आतंकियों के खात्मे के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी है।
पैरा कमांडो ने संभाला मोर्चा
आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन की कमान अब पैरा कमांडो ने अपने हाथ में ले ली है। सेना की अन्य टुकडिय़ां अब बाहरी घेरे में हैं। जंगल के भीतर रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। मुठभेड़ के चलते राजौरी-पुंछ 144-ए हाईवे पर यातायात बहाल नहीं हो पाया है। 14 अक्तूबर की शाम से हाईवे बंद है। वहीं क्षेत्र के लोगों ने आतंकी घटनाओं की बढ़ती वारदातों को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सभाल उठाए है उन्होंने कहा कि नेता-मंत्री सिर्फ ऐश के लिए हैं और भारतीय जवान मात्र आतंकियों की गोली खाने के लिए हैं क्या, सरकार नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर नहीं है और जवानों को बेबजह मरवाया जा रहा है। सरकार अगर चाहे तो पाकिस्तान से नाता तोड़ आतंकियों व ओजीडब्ल्यू को ढेर कर सकती है।

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