मिशनरियों को चुनौती, वीएचपी ने पंजाब में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ खोला मोर्चा

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़)। रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि आज पूरी दुनिया में चर्च बदनाम हो चुका है। पिछले दिनों फ्रांस के एक आयोग ने खोजपूर्ण लेकिन खौफनाक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि 3,30,000 से अधिक बच्चों का यौन शोषण पादरियों द्वारा किया गया। ननों के यौन शोषण के आरोपों से वेटिकन सिटी भी अछूता नहीं रहा। पंजाब में चर्च द्वारा धर्मांतरण कराए जाने के मामले सामने आने के बाद विश्व हिंदू परिषद् ने मोर्चा खोल दिया है। विश्व हिंदू परिषद जालंधर विभाग के प्रधान नरेश पंडित ने कहा है कि चर्च द्वारा पंजाब में किए जा रहे अवैध धर्मांतरण के विरोध में बीते दिनों बीबी जागीर कौर और अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने जो आवाज उठाई थी विहिप उसका स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को रोकने के इस अभियान में विहिप हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन देती है। चर्च द्वारा किया जा रहा धर्मांतरण संपूर्ण पंजाब की पावन धरती के लिए एक अभिशाप है। इसका मुंह तोड़ जवाब अवश्य दिया जाएगा। विहिप इस नापाक षड्यंत्र को पूर्ण रूप से समाप्त कर पंजाब को धर्मांतरण मुक्त प्रदेश बनाने का संकल्प लेती है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब का इतिहास धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष और बलिदान का इतिहास है। पूज्य गुरुओं ने धर्म की रक्षा के लिए न केवल प्रेरणा दी है अपितु,अद्भुत संघर्ष भी किए। गुरु पुत्रों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। धर्मवीर बालक हकीकत राय का बलिदान आज भी पूरे देश को प्रेरणा देता है। धर्मांतरण कराने वाले मिशनरी न केवल इन बलिदानों को अपितु गुरुओं के उपदेशों को भी अपमानित करने का दुस्साहस करते हैं।

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गुरुओं की पुण्य भूमि पंजाब को धर्मांतरण के अभिशाप से मुक्ति दो: नरेश पंडित

नरेश पंडित ने कहा कि धर्मांतरण करने के लिए ईसाई मिशनरी केवल छल कपट और लालच का उपयोग करते हैं। यदि चंगाई सभा वास्तव में लोगों को ठीक करती है तो इनके पादरी बीमार होने पर अस्पताल में क्यों भर्ती होते हैं? कई पादरी कोरोना के कारण काल के ग्रास भी बने। मदर टेरेसा तो कई महीनों तक इलाज करवा कर भी नहीं बच सकी। जब इनके अपनों का इलाज कोई चंगाई सभा नहीं कर सकी तो ये पंजाब की भोली-भाली जनता को क्यों बेवकूफ बनाते हैं? विहिप नेता ने मिशनरियों को चुनौती दी कि पंजाब के अस्पतालों में गंभीर रोगों से ग्रस्त हजारों मरीज भर्ती हैं। मिशनरी उन सब को ठीक करके दिखाएं। सिखों और हिंदुओं के धर्म ग्रंथों में संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए अनमोल संदेश है, जिनको पूरी दुनिया स्वीकार करती है। कोई भी समझदार व्यक्ति सोच समझकर इन पावन ग्रंथों का प्रकाश छोडक़र कैसे जा सकता है? बाइबल को हमारे पवित्र ग्रंथों से बड़ा बता कर क्या वे सिखों और हिंदुओं के धर्म ग्रंथों की बेअदबी का महापाप नहीं करते? एक पतित’परिवार द्वारा कुछ वर्ष पूर्व एक पवित्र ग्रंथ की बेअदबी का समाचार ज्यादा पुराना नहीं हुआ है। नरेश पंडित ने बताया कि आज पूरी दुनिया में चर्च बदनाम हो चुका है। पिछले दिनों फ्रांस के एक आयोग ने खोजपूर्ण लेकिन खौफनाक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया गया था कि 3,30,000 से अधिक बच्चों का यौन शोषण पादरियों द्वारा किया गया। ननों के यौन शोषण के आरोपों से वेटिकन सिटी भी अछूता नहीं रहा। भारत में तो कई नन इसी कारण आत्महत्या भी कर चुकी है। जालंधर का बिशप फ्रैंको ननों के यौन शोषण का आरोपी है और केरल की अदालत में उस पर मुकदमा चल रहा है। पूरे विश्व का चर्च अपने पादरियों के पापों पर माफी मांग रहा है परंतु बिशप फ्रैंको को जमानत मिलने पर पंजाब के ईसाई समाज ने बड़ी बेशर्मी के साथ उसका स्वागत किया था। पंजाब का सिख और हिंदू समाज चर्च की इस बेशर्मी और चरित्रहीनता को बर्दाश्त नहीं कर सकता। विहिप पंजाब सरकार से भी अपील करती है कि वह पंजाबी समाज की भावनाओं तथा गुरुओं की परंपराओं का सम्मान करते हुए धर्मांतरण विरोधी कानून बनाए। हम मिशनरियों को चेतावनी देते हैं कि वे धर्मांतरण की गतिविधियों को अविलंब बंद करें अन्यथा उन्हें पंजाब से अपना बोरिया बिस्तर लपेटने पर मजबूर होना पड़ेगा। बिशप फ्रैंको तथा अन्य पादरियों के पापों के लिए माफी मांग कर उन्हें बताना चाहिए कि अब मिशनरियों को सभ्य बनाने के लिए भारत का चर्च भी गंभीर है।

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