पंजाब को ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार मिलने पर डॉ. वेरका द्वारा प्रसन्नता की व्यक्त

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) को अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए देश भर में प्रथम पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पंजाब के ऊर्जा विकास मंत्री डॉ. राज कुमार वेरका ने कहा कि इसके साथ ही उनकी जि़म्मेंदारियाँ और भी बढ़ गई हैं और वह ना केवल अपने इस स्थान को बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे, बल्कि सौर ऊर्जा और बायोमास जैसे क्षेत्रों में हर संभावना को अमल में लाएंगे, जिससे राज्य में ऊर्जा की कमी से निपटा जा सके। गौरतलब है कि राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2021 के लिए पेडा को प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार 14 दिसम्बर 2021 को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन में हो रहे समारोह में दिया जाएगा। इस मौके पर केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह मुख्य अतिथि होंगे।

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डॉ. राज कुमार वेरका ने बताया कि बिजली की बढ़ रही माँग और पानी, कोयला आदि जैसे प्राकृतिक संसाधनों की बढ़ती कमी से निपटने के लिए पेडा द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा को अधिक से अधिक प्रयोग में लाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली की लगातार बढ़ रही माँग और पराली की समस्या से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने सौर ऊर्जा पर अधिक से अधिक ध्यान केन्द्रित करने की दिशा की ओर कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के 1700.77 मेगावॉट की क्षमता वाले प्रोजैक्ट लगाए जा चुके हैं और 184.12 मेगावॉट की क्षमता के अन्य प्रोजैक्ट भी लगाए जा रहे हैं। ज़मीन सतह (ग्राउंड माऊंटेड) पर 815.5 मेगावॉट, छत (रूफ सोलर) पर 136.1 मेगावॉट और नहरों पर (केनाल टोप) 20 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा प्रोजैक्ट अब तक कार्यशील हो गए हैं। इन प्रोजैक्टों की संख्या क्रमवार 71, 14 और 4 है। डॉ. वेरका के अनुसार केवल सौर ऊर्जा के 729.17 मेगावॉट के प्रोजैक्ट स्थापित हो चुके हैं और 58.75 मेगावॉट के प्रोजैक्ट प्रगति अधीन हैं। नवीकरणीय ऊर्जा के प्रोजैक्टों में बायोमास को-जनरेशन पावर प्रोजैक्ट 458.07 मेगावॉट और बायोमास पावर प्रोजैक्ट 97.5 मेगावॉट शामिल हैं।

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