पंजाब भर में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत, एक लाख अड़तीस हज़ार मामले सुनवाई के लिए पेश


चण्डीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)।
पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमुर्ति अजय तिवारी के नेतृत्व अधीन राज्य भर में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गईं। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन फिजिकल और ऑनलाइन ढंग के द्वारा किया गया। लोक अदालत के बैंचों, वकीलों और मुकदमेबाज़ों की सुविधा के लिए पंजाब राज्य की सभी जि़ला कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्चुअल लोक अदालत का आयोजन करने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजऱ (एस.ओ.पी.) लागू किया गया था। इस लोक अदालत में, लोक अदालत के कुल 360 बैंच (फिजिकल और वर्चुअल ढंग से) गठित किए गए हैं, जिसमें लगभग 1,38,000 मामलों की सुनवाई की जा रही है और इनका निपटारा होने की आशा है।

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वैवाहिक विवाद, संपत्ति विवाद, चैक बाऊंस होने के मामले, श्रम संबंधी मामले, आपराधिक कम्पाऊंडेबल केस, अलग-अलग एफ.आई.आरज़ की कैंसलेशन/अनटरेस्ड रिपोर्टों आदि से सम्बन्धित विभिन्न लम्बे समय से लम्बित पड़े मामलों पर सुनवाई की गई। इसके अलावा पक्षों की सहमति से अलग-अलग अवॉर्ड पास किए गए हैं। कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के उपबंधों के अनुसार अदालती फीस वापस करने के आदेश दिए गए हैं। कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति अजय तिवारी के सक्रिय नेतृत्व में बड़ी संख्या में मामलों को सुलझाने के लिए यह लोक अदालत काफ़ी अहम साबित हुई, जिसने मुकदमेबाज़ों के चेहरों पर मुस्कान और आशा वापस लाई। इस मौके पर लोगों को टोल फ्री नंबर-1968 के बारे में भी जागरूक किया गया, जिससे सभी जरूरतमंद व्यक्तियों ख़ास तौर पर दबे-कुचले वर्गों को किसी भी तरह की कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जा सके। मुफ़्त और प्रभावशाली कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए मुकदमेबाज़ों को मार्गदर्शन देने के लिए अदालतों के परिसर में जि़ला एवं तालुका स्तर पर कार्यालय मौजूद हैं। पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अरुण गुप्ता ने आम लोगों से अपील की कि वह लोक अदालतों में अपनी शिकायतों का निपटारा करवाएं। 

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