मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्तावित ‘पंजाब राज्य अनुसूचित जातियों का विकास एवं कल्याण’ उप-आवंटन अध्यादेश-2022 की रूप-रेखा को मंज़ूरी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। अनुसूचित जाति सब प्लान प्रभावी ढंग से तैयार कर लागू किए जाने को सुनिश्चित बनाने के लिए पंजाब मंत्रिमंडल ने प्रस्तावित ‘पंजाब राज्य अनुसूचित जातियों का विकास एवं कल्याण’ (योजना, निर्धारण और वित्तीय संसाधनों का उपयोग) उप-आवंटन अध्यादेश-2022 की रूप-रेखा को मंज़ूरी दे दी है। इस बारे में फ़ैसला पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में आज शाम यहाँ पंजाब भवन में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया। नया कानून अनुसूचित जातियों सब प्लान (एस.सी.एस.पी.) को हरेक स्तर पर लागू करने सम्बन्धी पारदर्शिता और जि़म्मेदारी को सुनिश्चित बनाएगा और सराहनीय प्रदर्शन के लिए उत्साह बढ़ाने की व्यवस्था भी होगी। इसके अलावा एस.सी.एस.पी. को लागू करने वाला विभाग सब प्लान को सच्ची भावना से लागू करने के लिए जि़म्मेदार हो जाएगा, जिससे इसका लाभ सभी हिस्सेदारों जैसे कि राज्य की समूची अनुसूचित जातियों की आबादी को मिल सके।
मंत्रिमंडल ने कानूनी सलाहकार द्वारा तैयार और सत्यापित किए गए अध्यादेश के मसौदे को मंत्रालय के सामने दोबारा पेश करने की बजाय स्वीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। पंजाब राज्य में अनुसूचित जातियों की आबादी की प्रतिशतता 31.94 प्रतिशत है, जो सभी राज्यों की अपेक्षा अधिक है। पंजाब सरकार राज्य में अनुसूचित जातियों के सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। अनुसूचित जातियों के विकास के लिए अनुसूचित जातियां सब प्लान के अधीन विभिन्न विभागों द्वारा बहुत सी योजनाएं लागू की जा रही हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन योजनाओं को असरदार ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक्ट बनाने का फ़ैसला किया गया है। इस सम्बन्ध में एक अध्यादेश पंजाब के राज्यपाल को मंज़ूरी हेतु पेश किया जाएगा। इस एक्ट के अनुसार राज्य के बजट से अनुसूचित जातियों की जनसंख्या की प्रतिशतता के बराबर की राशि अनुसूचित जातियों के विकास के लिए निर्धारित की जाएगी। एक्ट का लाभ राज्य में एस.सी.एस.पी. की बनावट और लागूकरण के सभी पहलुओं से विधिपूर्वक और व्यापक ढंग से तैयार करने की जुगतबंदी करना होगा। मंत्रिमंडल ने अंतरिम वित्तीय राहत के तौर पर पंजाब बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रकशन वर्कर्स वैलफेयर बोर्ड (बी.ओ.सी.डब्ल्यू.) के साथ रजिस्टर्ड प्रति लाइव रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिक को 3000 रुपए जारी करने और बाँटने को मंज़ूरी दे दी है।
कोविड-19 के कारण पैदा हुई चुनौतीपूर्ण स्थिति के मद्देनजऱ कई स्थानों पर चल रहे निर्माण प्रोजेक्टों की प्रगति या तो रुक गई है या अस्थाई तौर पर धीमी पड़ गई है, जिससे राज्य भर में निर्माण कार्यों की रोज़ाना की गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। नतीजे के तौर पर, बहुत से निर्माण श्रमिकों की रोज़ी-रोटी भी प्रभावित हुई है। निर्माण श्रमिक अभी भी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए नए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। जि़क्रयोग्य है कि प्रचलित स्थिति ने पहले ही काम-काजी माहौल को और बिगाड़ दिया है और समाज के पिछड़े वर्गों ख़ास तौर पर पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए श्रम के अवसरों को घटा दिया है, जिस कारण उनको गंभीर वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है। राज्य के बेरोजग़ार युवाओं को रोजग़ार के मौके प्रदान करने के साथ-साथ सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की अच्छी सेहत को सुनिश्चित बनाने के मद्देनजऱ पंजाब मंत्रिमंडल ने आज स्कूल शिक्षा विभाग के भर्ती विंग डायरैक्टोरेट द्वारा 29200 रुपए प्रति माह वेतन मैट्रिक्स के साथ फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (पी.टी.आई.) के 2000 पद सृजन करने की मंज़ूरी दे दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि इन नए सृजन किए गए पदों को भरने की प्रक्रिया पड़ाववार ढंग से शुरू की जाएगी। इसके अलावा उपरोक्त पदों की सृजन करने के लिए सालाना 70.08 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा। इन नई नियुक्तियों को उनके तीन सालों के परखकाल के दौरान लागू वेतन मैट्रिक्स का न्यूनतम वेतन प्रदान किया जाना है, इसके लिए पहले तीन सालों के लिए 210.24 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा।  

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