होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। गांव अहराना कलां और डाविडा अहराना में श्रीमती सरस्वती देवी मेमोरियल एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी की तरफ से भारत सरकार की स्कीम नई-रोशनी (अल्पसंख्यक महिलायों में नेतृत्व विकास प्रशिक्षण) अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों के तहत हैंडहोल्डिंग की मीटिंग की गई, जिसमें समाज सेविका पूजा शर्मा ने महिलाओं को वोट डालने के क़ानूनी अधिकार के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि वोट डालना सभी 18 साल या उससे बड़ी उम्र वालों का मौलिक अधिकार है चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या लिंग का भारतीय नागरिक हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को वोट डाल कर सरकार बनाने ने सहयोग करना चाहिए। लोकतन्त्र में वोट का अधिकार सबसे बड़ा अधिकार माना जाता है। वोटिंग के दिन वोट डालना कानूनी अधिकार है, लेकिन अगर कोई अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं करता तो इसके लिए कानूनन उसे बाध्य नहीं किया जा सकता। वहीं कानूनी जानकार यह भी बताते हैं कि अगर कोई संस्थान कर्मचारी को वोट देने के लिए छुट्टी देता है तो वहां कर्मचारियों को वोट डालना जिम्मेदारी बनती है। चुनाव आयोग के निर्देश पर सरकार ने पहले से ही मतदान के दिन सरकारी छुट्टी घोषित की है। इस मौके पर जसविंदर, मंजीत, प्रीती, राजविन्दर, सतीश, अनीता, मुकेश, तोशी, राजवीर, बलजिंदर कौर आदि उपस्थित थे।