राजपूत वीरता, शिष्टता और दृढ़ता की मिसाल हैं महाराणा प्रताप: महाराणा प्रताप वैलफेयर सोसायटी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। महाराणा प्रताप वैलफेयर सोसायटी (रजि.) पुरहीरा की तरफ से महाराणा के पुण्यतिथि पर महाराणा प्रताप चौक पर साथियों सहित श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस मौके पर सोसायटी के अध्यक्ष डा. रणधीर सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए महाराणा प्रताप के जीवनी से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप को राजपूत वीरता, शिष्टता और दृढ़ता की एक मिसाल माना जाता है। उन्होंने स्वयं के लाभ के लिए भी कभी किसी के आगे हार नहीं मानी थी। डा.रणधीर सिंह ने कहा कि मेवाड़ की शौर्य-भूमि धन्य है जहां वीरता और दृढ़ प्रण वाले महाराणा प्रताप का जन्म हुआ, जिन्होंने इतिहास में अपना नाम अजर-अमर कर दिया। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था, जिसका नाम ‘चेतक’ था। इस युद्ध में अश्व चेतक की भी मृत्यु हो गई थी। उनका बलिदान अनुयायियों के बीच एक वीर योद्धा की तरह हुआ। हल्दीघाटी का युद्ध अकबर और वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के बीच लड़ा गया था। हल्दीघाटी के युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे। महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो वजन का था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था। उनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था। उन्होंने धर्म एवं स्वाधीनता के लिए अपना बलिदान दिया।

Advertisements

इस मौक़े पर ठाकुर सरजीवन सिंह, ठाकुर जसवीर सिंह, राकेश सिंह, जगदीप सिंह, डा. वशिष्ठ कुमार, विजय सरोया डायरैक्टर महाराणा प्रताप वैलफेयर सोसायटी, राम जी यादव आदि उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here