जालंधर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अभिषेक कुमार। जब जज्बा और जुनून कुछ कर गुजरने का हो फिर उम्र मायने नहीं रखती। प्रधानमंत्री बाल शक्ति पुरस्कार प्राप्त करके जालंधर के 11 साल के मेधांश कुमार गुप्ता ने यह साबित कर दिया है कि अगर ठान लें कि समाज की सेवा करनी है तो उसके लिए पढ़ाई पूरी होने तक का इंतजार नहीं करना पड़ता। छोटी उम्र से बड़े काम करने की शुरुआत हो जाती है।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से डिजिटल माध्यम से पुरस्कार प्राप्त करने के बाद जालंधर की डिफेंस कालोनी निवासी मेधांश व उसका परिवार खुश था। नए अविष्कार और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में बेमिसाल कार्य करने के लिए पंजाब से केवल मेधांश ही था, जिसे यह पुरस्कार दिया गया। प्रधानमंत्री ने उसके काम एवं समाज के प्रति उसके समर्पण के लिए शुभकामनाएं दी। इससे पूरे परिवार के साथ शहर में खुशी का आलम रहा। उसने यह पुरस्कार हासिल करके देशभर में अपने शहर का नाम चमकाया है। उनके पिता संदीप कुमार गुप्ता और माता मोनिका गुप्ता भी बेटे के साथ डिजिटल माध्यम से लोगों की सेवा एवं उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक करने में लगे रहते हैं।
मेधांश कुमार ने बताया कि आज जिस मुकाम पर हूं, इसमें माता-पिता का पूरा सहयोग रहा है। बचपन से ही माता-पिता के साथ आफिस जाता हूं, जहां पर दूसरे बच्चों को कंप्यूटर पर काम करता देख उसकी भी दिलचस्पी बढ़ी। इसके बाद वह खुद ही कंप्यूटर पर कोई न कोई डिजाइन या साफ्टवेयर खोल कर देखने लगा। धीरे-धीरे वह खुद ही साफ्टवेयर बनाने लगा। इसको लेकर आज पूरे देश से उसे सम्मान से बुलाया जाता है और सम्मानित किया जाता है। यही नहीं वह डिजिटल माध्यम से अपने से बड़े युवाओं को साफ्टवेयर की पढ़ाई भी करवा रहा है।