लड़कियों के नाम से फर्जी आईडी बनाकर पुरुषों को निशाना बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

इंदौर (द स्टैलर न्यूज़)। लड़कियों के नाम से फर्जी आईडी बनाकर पुरुषों को निशाना बनाने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। अब तब पुलिस इस गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है। ये सेक्स चैट के जरिए सोशल मीडिया पर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। उसके बाद न्यूड कॉल करके उसका वीडियो बना लेते थे। फिर वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पीडि़तों से मोटी रकम वसूलते थे।

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गिरफ्तार हुए आरोपियों ने बताया कि जिस मोबाइल नंबर से लोगों को वीडियो चैट कर ब्लैकमेल करते थे, वह सिम शिवपुरी का निखिल गुप्ता उपलब्ध कराता था। इसकी पूरी ट्रेनिंग भी दी थी। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने शिवपुरी से आरोपी सेतु उर्फ सागर और निखिल गुप्ता को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी गूगल ऐप हैंडलिंग एक्सपर्ट हैं। सभी सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने और ऐप के माध्यम से ठगी करने के एक्सपर्ट हैं।
सेतु और निखिल ने पूछताछ में बताया कि एक सिम दो हजार रुपए में देते थे। सेक्सटॉर्शन के लिए लडक़ी के नाम की जो फर्जी आईडी बनाई जाती, उसे सोशल मीडिया पर प्रमोट करते ताकि लोग उनके झांसे में आए और संपर्क करें। अब तक वे फर्जी आईडी पर इस तरह सैकड़ों सिम ले चुके हैं।
गिरोह के चालबाज पहले सोशल मीडिया पर प्रोफाइल चेक करते थे। वे लडक़ों की प्रोफाइल पर जाकर उनकी उम्र, रुचि, पसंद-नापसंद की जानकारी जुटाते। इसके बाद उसे फर्जी लडक़ी का फोटो लगाकर एक फेक आईडी से फ्रेंड रिक्वैस्ट भेजते। लडक़े जैसे ही फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते ये चारों उससे अश्लील चेटिंग शुरू कर देते थे। लडक़ों को न्यूड करवाकर उसकी स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए मोबाइल पर वीडियो बना लेते।
विजय नगर टीआई तहजीब काजी ने बताया कि स्क्रीन रिकॉर्डर से रिकॉर्ड हुए वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते थे। रुपए देने से मना करने पर वे फर्जी पुलिस अफसर बनकर अलग-अलग नंबरों से फोन लगाते थे। ये सभी लडक़ों को एफआईआर दर्ज करने की धमकी देते थे। तब लडक़े डरकर चारों आरोपियों के खाते में पैसे जमा करा देते थे। पुलिस अब इन सभी के मोबाइल और बैंक खातों की जांच कर रही है।
चारों आरोपियों में सिर्फ अमन ने बीएससी ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा मोनू, संदीप और सचिन, तीनों आरोपी दसवीं फेल हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। वे आईफोन और स्मार्ट फोन से सोशल मीडिया अकाउंट पर नंबरों और रुचि के आधार पर टारगेट करते थे।

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