-सरकार और निगम प्रबंधन को नहीं जनता की परवाह-
कुल्लू (वरिष्ठ पत्रकार रजनीश शर्मा): दशहरा उत्सव के लिए मात्र आठ दिन शेष रह गए हैं। जबकि, कुल्लू डिपो में निगम की 17 बसें तीन माह से खड़ी हैं। इसकी वजह स्टाफ का न होना बताया जा रहा है। महीनों से स्टाफ की नियुक्ति न करना सरकार और निगम प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है। इसका खामियाजा जिले की जनता को भुगतना पड़ रहा है। दशहरा उत्सव सिर पर है और क्षेत्रीय निगम प्रबंधन स्टाफ का रोना रो रहा है। हालांकि, क्षेत्रीय निगम प्रबंधन ने दशहरा उत्सव के लिए प्रदेश के अन्य डिपुओं से 30 के करीब बसें मंगवाई हैं, लेकिन कुल्लू में खड़ीं निगम की 17 बसें उत्सव में सवारियों को सेवाएं नहीं दे पाईं तो यह एक विडंबना होगी। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान क्षेत्रीय निगम प्रबंधन दिन-रात यात्रियों को बेहतरीन बस सुविधा प्रदान करने का दावा कर रहा है। जिस तरह तीन माह से यह बसें खड़ीं खड़ी हैं, इससे लगता है कि जिले के दुर्गम रूटों के लोगों को सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है। मजेदार बात यह है कि कुल्लू डिपो के तहत आने वाले तीन ग्रामीण रूट मलाणा, भुलंग और दलीघाट कई माह से बंद पड़े हैं। लोग बस सुविधा न मिलने से परेशानी का दंश झेल रहे हैं। लिहाजा, कुल्लू डिपो में हिमाचल पथ परिवहन निगम के पास 170 के करीब बसें हैं। इनमें से 17 बसें तीन माह से स्टाफ बिना खड़ी हैं। इस संदर्भ में आरएम कुल्लू पवन शर्मा का कहना है कि दशहरा के दौरान जिले के लोगों को बेहतरीन बस सुविधा मुहैया करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बाहरी डिपुओं से भी तीस बसें मंगवाई गई हैं। जो कुल्लू डिपो में बिना स्टाफ के 17 के करीब बसें खड़ी हैं, उम्मीद है कि दशहरा उत्सव से पहले सरकार चालक और परिचालक की नियुक्त कर सकती है।
तीन माह से निगम की 17 बसें खड़ीं, दिक्कत
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