अंतर्राष्ट्रीय मां बोली दिवस की महत्तता विषय पर सैमीनार व कवि दरबार करवाया

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। अंतर्राष्ट्रीय मां बोली दिवस पर जिला भाषा कार्यालय होशियारपुर की ओर से भाषा विभाग पंजाब के निर्देशों पर जिला पब्लिक लाईब्रेरी में अंतर्राष्ट्रीय मां बोली दिवस की महत्तता विषय पर सैमीनार व कवि दरबार करवाया गया। जानकारी देते हुए जिला खोज अधिकारी डा. जसवंत सिंह राय ने बताया कि यह समागम पंजाबी साहित्य सभा होशियारपुर व भाषा मंच सरकारी कालेज के सहयोग से करवाया गया। समागम की अध्यक्षता आई.ए.एस तामिलनाडू जी.एस. नवीन कुमार, डा. मदन वीरा, प्रिंसिपल परमजीत सिंह, संदीप सिंह सीकरी,  डा. चरन पुष्पिंदर सिंह ने की। विशेष मेहतमान के तौर पर  डा. परमजीत चुंबर व डा. हरजिंदर कुमार ने शिरकत की। मुख्य भाषण देते हुए डा. करमजीत सिंह  ने अंतर्राष्ट्रीय मां बोली की महत्तता पर बात करते हुए कहा कि बांगलादेश में 21 फरवरी के दिन को शहीदी दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने इस दिन अपनी मां बोली खातिर कुर्बानियां दी थी। हमें मभी आज ली शपथ को अमलीजामा पहनाते हुए पंजाबी मां बोली के प्रचार व प्रसार के लिए सामूहिक रुप से प्रयास करने की जरुरत है। पंजाबी भाषा में हासिल की गई महारत दूसरी भाषाओं को सीखने में सहायक होती है। आई.ए.एस श्री जी. एस नवीन कुमार ने इस समागम की बधाई देते हुए कहा कि जो मां बोली का सम्मान करते हैं वे स्वयं सम्मानित होते हैं। पंजाबी जुबान व संस्कृति बहुत खूबसूरत है, जिस कारण मैं आज कल पंजाबी सीख रहा हूं।

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इस मौके पर कवि दरबार में कवियों ने अपनी नजमें सुना कर सारे माहौल को रंगीन बना दिया। भाषा विभाग की ओर से लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी में साहित्य प्रेमियों ने हजारों रुपयों की किताबें खरीदी व भाषा विभाग के मैगजीन लगवाए। आए हुए मेहमानों व कवियों का शाल व किताबों के सैट देकर सम्मान किया गया। शायर मदन वीरा की ओर से सभी का धन्यवाद किया गया। इस मौके पर जुगल किशोर, पवन कुमार, पुष्पा रानी, शायर जसबीर सिंह धीमान, कुलतार सिंह कुलतार,सुरिंदर रंगवी, डा. मनमोहन सिंह तीर, तृप्ता के. सिंह, सतवंत कौर कलोटी, नवतेज गढ़दीवाला, अमरीक डोगरा, प्रो. मलकीत जौड़ा, डा. अमनप्रीत सिंह, प्रो. लखविंदरजीत कौर, परवीन, अवतार लंगेरी, दर्शन सिंह दर्शन, राज कुमार, बबीता रानी, संदीप कुमार, डा. सुखदेव ढिल्लों, वनीता ठाकुर, डा. दविंदर सिंह, डा. मनिंदरजीत कौर, डा. सुखविंदर कौर, सुरिंदर सल्लण, गगनदीप कुमार, गुरमिंदर कौर, कुलदीप सिंह, अमरजीत सिंह, अमित सभ्रवाल, सोनियां रानी, पलविंदर कौर के अलावा अन्य भाषा प्रेमी भी मौजूद थे।

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