श्री रुद्रचंडी महायज्ञ का चौथे दिन में प्रवेश, श्रीमदभागवत कथा का भी हुआ शुभारंभ

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर चैरीटेबल सोसायटी एकता नगर में चल रहे श्री रुद्रचंडी महायज्ञ के चौथे दिन वेद पाठियों ने आचार्य राजिंदर प्रसाद की अगुवाई में मंत्रोच्चारण से हवन में आहुति डलवाईं। इस मौके पर आचार्य राजिंदर प्रसाद ने बताया कि यज्ञ से देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मन चाहा फल भी प्राप्त किया जा सकता है। धर्म ग्रंथों में अग्नि को ईश्वर का मुख माना गया है। इसमें जो कुछ खिलाया जाता है यानि कि इसमें जो भी आहुति दी जाती है वास्तव में वह ब्रह्मभोज है। यज्ञ के मुख में आहुति डालना परमात्मा को भोजन कराना है।

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इस दौरान यजमान के रुप में नितिन ठाकुर, राधिका ठाकुर, जिया शर्मा, दीक्षा शर्मा, नीतू सिंगला, रिम्पी, परवीन जगतपुरा, राज रानी, आरती, रमेश गंभीर, रजनी गंभीर, अश्विनी शर्मा, कमलेश शमा4, गुलजारी शर्मा, अंजली शर्मा, अशोक कुमार, तरसेम मोदगिल, रमेश अग्रवाल एवं विकास सिंगला ने आहुति डाली। इस मौके पर प्रधान रमेश अग्रवाल एवं महासचिव तरसेम मोदगिल ने बताया कि हवन यज्ञ के साथ-साथ आज श्रीमदभागवत कथा का भी शुभारंभ किया गया। इस दौरान स्वामी केशव दत्त शास्त्री दी महाराज ने कथा प्रारंभ की। इस दौरान असीर अग्रवाल एवं मोदगिल के अलावा विशेष रुप से पहुंचे रोटी आई बैंक एवं कार्निया ट्रांसप्लांट सोसायटी के अध्यक्ष प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा ने स्वामी जी का स्वागत किया और श्री मदभागवत जी का पूजन किया। इस दौरान कथा करते हुए स्वामी केशव दत्त ने बताया कि जिस प्रकार भक्ति माता के कष्टों को देखकर नारदजी ने सामाजिक भावना से द्रवित होकर उनकी सहायता करके उनके कष्ट को दूर किया, उसी प्रकार हमें भी अपनी सामर्थ अनुसार समाज में कष्ट भोग रहे दीन दुखियों की यथा संभव सहायता करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने आत्मदेव के चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि इस शरीर को उत्तम नाम का नगर इसमें रहने वाली आत्मा को आत्मदेव, बुद्धि को धुंधली, मन को धुंधकारी और ज्ञान को गौकर्ण बताते हुए कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को आध्यात्मिकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कलियुग में भागवत कथा के श्रवण को ही सब दुखों को दूर करने वाला भागवत भक्ति प्रदामक कल्याणकारी साधन बताया गया है। इस अवसर पर सुभाष अग्रवाल, विकास सिंगला, निखिल अग्रवाल, अशोक कुामर, राजीव शर्मा, गोपी शर्मा, अश्विनी शर्मा, दविंदर वालिया गुरुजी, रमेश गंभीर, नील शर्मा, रमन सैनी, कृष्ण गोपाल शर्मा, मनोज दत्ता, बृज बिहारी, विनोद शर्मा, रमेश शर्मा, शाम मोदगिल, भैवव शर्मा, साहिल शर्मा, विशाल वालिया, एवं रिश्व अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

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