होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। विकास और जन भलाई की योजनाओं को लेकर एक-दूसरे को कोसने वाली कांग्रेस और भाजपा इन दिनों एक बार फिर से आमने सामने है। इसका कारण ही दिन-ब-दिन बढ़ रहे डीजल एवं पैट्रोल के दाम। जब से केन्द्र की मोदी सरकार ने डेली चेंज का सिस्टम चालू किया है, तब से इनके दाम कम तो कम ही बार हुए, मगर इनके बढऩे की रेशो ने सभी रिकार्ड तोडऩे की जैसे कसम खा रखी हो। इसके चलते मात्र तीन माह में ही जहां डीजल 58 रुपये तो पैट्रोल 75 रुपये का आंकड़ा पार कर गया है। स्लो प्वायज की तरह बढ़ रहे डीजल व पैट्रोल के दामों का हाल ऐसा है कि जनता को पता ही नहीं चल रहा कि वो किस कद्र महंगाई का शिकार हो रहे हैं।
एक समय था जब पैट्रोल व डीजल के जब दाम बढ़ते थे तो भाजपा की तरफ से सडक़ से लेकर संसद तक बबाल हो कर दिया जाता था तथा मनमोहन सरकार को जमकर कोसा जाता था। मगर अब न जाने वो बबाल करने वाले कहां चले गए या फिर ऐसा भी कहा जा सकता है कि केन्द्र व अधिकतर राज्यों में भाजपा की सरकार होने के चलते अब भाजपाई शोर मचाएं भी तो किसके विरुद्ध। भाजपाईयों को देखे तों न जैने उन्हें कौन से विकास दिखाई दे रहा है, जो वे जनहित मुद्दों पर चुप्पी साध अपने फर्ज की इतिश्री करने में लगे हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस की बात की जाए तो उसके द्वारा डाला जा रहा शोर न तो किसी तो सुनाई दे रहा है और न ही इसका कोई असर देखने को मिल रहा है। मगर, इतना जरुर है कि अंदर ही अंदर मोदी सरकार को कोसने के सिवाये कुछ अधिक विरोध नहीं हो रहा। जिसके चलते जनता की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं कि आखिर उनकी सुने तो कौन सुने।
एकत्रित की गई जानकारी अनुसार 15 जून 2017 को तेल पर डेली चेंजिज सिस्टम लागू किया गया था। जिन दिन ये सिस्टम लागू किया गया था, उस दिन पैट्रोल का भाव 72 रुपये 41 पैसे था, 16 को इसका रेट घटकर 70 रुपये 58 पैसे हो गया। इसके एक माह बाद जुलाई में इसका दाम 69.08 रुपये तक कम हुआ और इस उपरांत ऐसा बढ़ा कि सितंबर 15 आने को है और इसकी कीमत 75 का आंकड़ा पार कर चुकी है। यानि कि सिस्टम के लागू होने से लेकर अब तक कीमत लगभग 4 रुपये बढ़ चुकी है। जिसका पता शायद ही हमें लगा हो।
इसी प्रकार सिस्टम के लागू होने पर डीजल का दाम 56.46 रुपये था, जिसके दामों में 15 जुलाई तक तो थोड़ी बहुत कमी होती रही, मगर इसके बाद इसके दाम भी ऐसे बढ़े कि कम होने का नाम नहीं ले रहे। मौजूदा समय में डीजल का रेट करीब 59 रुपये है, जिससे कि मात्र तीन माह में इसके दाम में करीब ढाई रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि नोटबंदी और जी.एस.टी. के लागू होने के बाद मार्किट का क्या हाल है और ऊपर से पैट्रोल एवं डीजल के बढ़ते दाम जनता को महंगाई का कैसा तोहफा दे रहे हैं।