भारत में देखा जाए तो यह एक ऐसा देश है जहां सभी धर्मों के लोगों को खुशी एवं स्वतंत्रता से रहने का अधिकार प्राप्त है तथा लोग प्रत्येक धर्म का सम्मान करते हैं। भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जिसमें हर धर्म के लोग अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं। इस तथ्य को देखते हुए माना गया है कि भारत में मुस्लिमों की संख्या पाकिस्तान से अधिक है। भारत देश मस्जिदों को पूर्ण सम्मान एवं स्वतंत्रता देता है और अल्पसंख्यकों की धार्मिक भावनाओं का आदर करता है। वहीं, दूसरी तरफ देखा जाए तो पाकिस्तान में हिन्दू समुदाये अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र नहीं है। पाकिस्तान से एक बड़ा खुलासा हुआ है कि वहां स्थित करीब 1 हजार वर्ष पुराने वरूण देव मंदिर को बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए शौचालय के रूप में प्रयोग किया जाता है। इससे साफ जाहिर होता है कि अगर पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर ही सुरक्षित नहीं हैं तो वहां रहने वाले हिन्दुओं की क्या दशा होगी। शायद ही ज्ञात होगा की मंदिर का निर्माण और इसका नींव किस वर्ष में रखा गया होगा लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मंदिर की वर्तमान सरंचना 1917-18 के समीप पुन:निर्माण किया गया होगा। जानकारी अनुसार यह मंदिर मनोरा तट कराची के पास बना हुआ है जिसे आज के समय में शौचालय के रूप में प्रयोग किया जाता है।
इस मंदिर के करीब 1000 साल पुराना होने का अनुमान लगाया गया है। 16वीं शताब्दी में एकधनी नाविक, भोजोमल नैन्सी भाट्टिया द्वारा कलात के खान से मनोरा तट खरीदा गया था। जो उस समय में समुद्र तट के किनारे अधिकांश भूमि के मालिक थे, और फिर उनके परिवार ने इस मंदिर को अपने कब्जे में ले लिया। पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दूओं तथा दूनिया में रहने वाले सभी हिन्दूओं के लिए बहुत दुर्भाग्य की बात है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा हिन्दूओं की भावनाओं को ाहत किया जा रहा है। अंदाजा लगाया जा सकता है जिस प्रकार पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों की दशा की जा रही है तो वो दिन भी दूर नहीं जब पाकिस्तान में एक भी हिंदू मंदिर देखने को नहीं मिलेगा। आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में 1947 में हिंदूओं की संख्या 23 प्रतिशत से घटकर एब 2 प्रतिशत ही रह गई है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में पाकिस्तान में एक भी हिंदू नहीं बचेगा। यह मंदिर कई वर्षों से नहीं खोला गया तथा 1992 के बाद कुछ लोगों द्वारा इस मंदिर को तोड़ा गया था जिससे मंदिर का ढांचा खराब हो गया और उसके बाद से इसे सील कर दिया गया था। मानना है कि 1950 में इस मंदिर में अंतिम पूजा की गई थी।
1000 Years Old Varun Dev Mandir in Pakistan being used as toilet for tourists