पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना में मुस्लिमों का हंगामा, मंदिर व घरों में तोडफ़ोड़ कर लगाई आग

पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में मुस्लिमों द्वारा हंगामा किया गया। कारण यह रहा कि एक मुस्लिम दुकानदार की मृत्यु के बाद भडक़े मुस्लमानों ने हिंदुओं के घरों में आग लगा दी और दंगे किए। मृतक दुकानदार पर एक महिला के यौन शौषण का आरोप था जिसने हिन्दु ग्राहक महिला के साथ छ़ेडछाड़ की थी, कई रिपोर्टस में आ रहा है कि दुकानदार द्वारा महिला के रेप किया गया था, जिसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

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मुस्लिमों का आरोप है कि महिला द्वारा वहां दत्तपुकुर के लोकल क्लब संघ से दुकानदार असदुल की शिकायत की गई तथा क्लब वालों ने दुकानदार को मारा-पीटा उसके कुछ समय बाद दुकानदार असदुल का शव लटकता हुआ मिला। वहीं, क्लब का कहना है कि दुकानदार ने आत्महत्या की है लेकिन मुस्लिम समुदाये के लोग यह मानने को तैयार नहीं हैं।

यहां तक की असदुल की मौत की खबर पता चलते ही बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाये के लोगों ने हिन्दुओं के घरों में आग लगानी शुरू कर दी। यह घटना 31 दिसंबर की बताई जा रही है जब मुस्लिमों ने क्लब में दाखिल होकर चीजें बिखेरना शुरू किया और वहां पड़े फर्नीचर व अन्य सामान की भी तोड़- फोड़ की। मुस्लमानों ने बाहर बैरिकेड बनाया हुआ था ताकि पुलिस क्लब में दाखिल न हो सके लेकिन शर्म की बात है कि पश्चिम बंगाल पुलिस वहां खड़े होकर यह सब तमाशा देखती रही। दुकानों तथा क्लब में नुकसान करने पर भी मुस्लिमानों ने गुस्सा दिखाने के लिए हिन्दू बहुल इलाके में प्रवेश किया तो वहां जाकर हिन्दुओं के घरों व दुकानों, गाडिय़ों व अन्य सम्पत्तियों को आग लगा दी। यही नहीं उन्होंने एटीएम, इलेक्ट्रिक पोस्टस व स्ट्रीट लाइटें तोड़ दी।

मुस्लमानों द्वारा हद तो तब कर दी गई जब उन्होंने रास्ते में पडऩे वाले एक मंदिर में घुसकर वहां भी तोड़ फोड़ शुरू कर दी। मुस्लिम समुदाये द्वारा रेल ट्रैक भी जाम किया गया जिससे रेल परिवगहन भी काफई घंटों तक प्रभावित रहा। इतने में भी थमने का नाम नहीं लिया तो वह डंडे हाथ में लेकर हिंसा पर उतर आए और पत्थरबाजी शुरू कर दी। कई लोग तो अपने घर से बम लेकर भी आए थे तथा पुलिस अधिकारियों पर कई दिशाओं से बम का निशाना बनाया गया। इस हमले में कई लोग घायल हुए जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

अंत में पुलिस सुरक्षा बल बुला कर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए जिसके बाद स्थिति पर नियंत्रण पाया गया तथा असदुल का शव क्लब से हटाया गया। स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी पीड़ा बयान की और बताया कि इस इलाके में सीएए का भी विरोध किया गया था। इस पूरे हंगामे के बाद आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा बंद कर दी गई तथा पूरे क्षेत्र में धारा-144 लागू कर दी गई है।

 

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