क्या पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास फिलहाल कोई सरकारी विभाग नहीं ?

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा प्रदेश के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई गई. यह शपथग्रहण कार्यक्रम शहीद भगत सिंह के जन्मस्थान खटकडक़लां में आयोजित किया गया. हालांकि मान के साथ किसी अन्य मंत्री को शपथ नहीं दिलवाई गई। शपथग्रहण के बाद 16 मार्च बुधवार को ही मुख्यमंत्री मान ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब सिविल मैं सचिवालय में मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाल लिया। फिर उसके बाद उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल से मिलकर उनसे अगले दिन 17 मार्च गुरूवार को नव गठित 16वीं पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाने हेतु सिफारिश की ताकि नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाई जा सके. आम तौर पर नव गठित विधानसभा का पहला सत्र बुलाने सम्बन्धी अनुसंशा राज्यपाल के पास प्रदेश के नए गठित कैबिनेट/मंत्रिमंडल द्वारा भेजी जाती है परन्तु चूँकि फिलहाल भगवंत मान के नेतृत्व द्वारा पंजाब की आप पार्टी की नई सरकार द्वारा मंत्रिमंडल गठन नहीं किया गया है, इसलिए मुख्यमंत्री मान द्वारा स्वयं राज्यपाल को नव गठित विधानसभा का सत्र बुलाने की अनुसंशा की गई. इस सम्बन्ध में हालांकि समय कम होने के कारण राज्यपाल द्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 में विधानसभा सत्र बुलवाने सम्बन्धी उपयुक्त गजट नोटिफिकेशन भी नहीं जारी की गई। बहरहाल, इस सबके बीच एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण प्रश्न यह उठता है कि चूँकि पंजाब में नई बनी आप पार्टी की सरकार के मंत्रिमंडल का गठन फिलहाल लंबित है, इस कारण क्या मुख्यमंत्री भगवंत मान को फिलहाल आधिकारिक तौर पर प्रदेश सरकार के सभी सरकारी विभाग (पोर्टफोलियो ) आबंटित हैं?

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इस संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कानूनी मत है कि आज तक पंजाब राज्यपाल के नाम से पंजाब सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की मंत्रिमंडल मामले शाखा द्वारा ऐसी कोई गजट नोटिफिकेशन जारी एवं प्रकाशित/अधिसूचित नहीं की गई है जिसमे यह उल्लेख हो कि पंजाब के राज्यपाल ने, मुख्यमंत्री के परामर्श पर, वर्तमान के लिए ही सही, सभी सरकारी विभाग (पोर्टफोलियो), जैसे कि पंजाब सरकार कार्य आबंटन नियम, 2007 के साथ परिशिष्ट में संलग्न हैं, पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान को आबंटित कर दिए हैं। हेमंत ने बताया कि ऐसा करना तकनीकी और कानूनी तौर पर आवश्यक है. हालांकि 16 मार्च को पंजाब के राज्यपाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भगवंत मान को शपथ दिलवाई एवं इस सम्बन्ध में उसी दिन पंजाब सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की मंत्रिमंडल मामले शाखा द्वारा एक गजट नोटिफिकेशन जारी की गईं जिसमे उल्लेख है कि राज्यपाल द्वारा भगवंत मान को पंजाब का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है।

उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ ले ली है एवं उन्होंने 16 मार्च 2022 दोपहर से अपने कार्यालय का कार्यभार भी संभाल लिया है। हालांकि यहाँ ध्यान देने योग्य है कि चूंकि मुख्यमंत्री भी एक कैबिनेट मंत्री ही होता है, इसलिए आज की परिस्थिति में भगवंत मैं को बिना विभाग का मुख्यमंत्री(कैबिनेट मंत्री) ही कहा जाएगा। हेमंत ने बताया कि केवल मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने से और उस कार्यालय का कार्यभार सँभालने से ही स्वत: मुख्यमंत्री को राज्य सरकार के सभी विभागों का कार्यभार नहीं प्राप्त हो जाता एवं इसके लिए राज्यपाल द्वारा एक विशेष नोटिफिकेशन जारी होनी चाहिए जिसमें उल्लेख होना चाहिए कि मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल ने सभी विभाग मुख्यमंत्री को ही आबंटित कर दिए हैं. यही कारण है कि जब भी नव गठित मंत्रिमंडल में विभागों का आबंटन किया जाता है तो इस संबंध में जो गजट नोटिफिकेशन जारी होती है तो उसमें मुख्यमंत्री का नाम भी, पहले नंबर पर, शामिल होता है जिसमे उनको, हालांकि उन्ही के ही परामर्श पर, आबंटित विभाग भी उल्लेखित होते हैं अर्थात इसका अर्थ यह हुआ कि मुख्यमंत्री के तौर पर ही शपथ लेने मात्र से ही सारे विभाग स्वत: ही मुख्यमंत्री को नहीं प्राप्त हो जाते।

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