होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पिछले दिनों शहर के एक राजनीतिक पैंठ रखने वाले नेता जी के घर भगवती जागरण था। इस दौरान वहां पर लगभग हर पार्टी (जिनमें भाजपा, कांग्रेस, आप व अन्य पार्टियों से संबंधित नेता शामिल थे) से संबंधित नेता जी पहुंचे हुए थे। नेताओं व उनके खासमखासों के टोले को माता के जागरण वाली जगह के करीब ही कुर्सियों पर आदर सहित बिठाया गया था। इसी दौरान माता के जयकारे छोड़ नेताओं के टोले पर ऐसा रंग चढऩे लगा कि उन्होंने माता का गुणगान छोड़ एक-दूसरे की टांग खींचनी शुरु कर दी।
देखते ही देखते सारा माहौल इतना खुशनुमा हो गया कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब ठहाकों की गूंज में माता के जयकारे दब गए और वहां मौजूद भक्तों का सारा ध्यान नेताओं की चौपाल की तरफ आकर्षित हो गया। भक्त इतने दंग थे कि राजनीतिक मंचों पर एक-दूसरे को फूटी आंख न सुहाने वाले तथा एक दूसरे पर राजनीतिक कटाक्ष करने वाले नेता एक-दूसरे के करीब आते ही इस प्रकार रंग भी बदल सकते हैं। इस दौरान किस पार्टी में किसको क्या मिला और किसने क्या पाया क्या खोया तथा कईयों को पद मिलने के बाद बेपद हुए की गूंज उठने लगी वहीं एक दूसरे को पार्टी पदाधिकारी न बनने को लेकर भी खूब चुटकियां ली गई। यहां तक कि राजनीति में किसने कितनी तिकड़म लगाकर अपनी पहुंच बढ़ाई को लेकर भी हंसी के गुब्बारे छोड़े।
ठहाकों की आवाज़ इतनी थी कि मानो किसी ने चाबी देकर नेताओं को वहां छोड़ दिया हो और वे जागरण में न आकर कोई मोनो एक्टिंग व ग्रुप स्किट पेश करने आए हों। हालांकि ये नेताओं का निजी मामला हो सकता था, मगर भगवती जागरण में एक तरफ जहां भक्तिरस का रंग बरस रहा था वहीं चौपाल लगाकर बैठे नेता राजनीतिक चुटकियां लेकर समय काटने का ऐसा रंग बरसा रहे थे कि मानो वे जनता को संदेश दे रहे हों कि भले ही वे एक दूसरे के खिलाफ राजनीतिक कटाक्ष करते नहीं थकते, मगर वे सब दिखावा ही है तथा अंदरखाते वे सभी एक ही हैं और सत्ता प्राप्ति के लिए जनता को गुमराह करना उनकी फितरत में शामिल है बाकी पार्टीबाजी तो चलती रहेगी।
भले ही जागरण को हुए कई दिन बात गए हों, मगर नेताओं के ठहाकों की गूंज अब भी चर्चा का विषय बनी हुई है तथा कईयों को तो मजाक में कहीं हुई बातें जैसे तीर की तरह चुभ भी गई हों को लेकर भी चर्चाओं में गर्माहट पूरी है।