होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार से प्रदेश में रहने वाले प्रत्येक वर्ग को काफी आस थी, लेकिन सरकार के एक फैसले ने ही जाहिर कर दिया है कि उसने बदलाव के नाम पर जनता से ठगी की है। क्योंकि, बिजली माफी संबंधी आदेशों में जनरल कैटागिरी के लिए माफ किए यूनिटों से एक यूनिट ऊपर होने पर सारी यूनिटों का बिल देना होगा सरासर धोखा है। सरकार को अपने फैसले और जनता से किए वायदों के हिसाब से फैसले लागू करने चाहिए ताकि जनता सच में बदलाव को महसूस कर सके। अन्यथा आप की नीतियां भी पुरानी राजनीतिक पार्टियों की तरह ही निजी स्वार्थ एवं द्वेषपूर्ण ही मानी जाएंगी तथा भविष्य में जनरल वर्ग इस पार्टी का साथ नहीं देगा। यह विचार भारत विकास परिषद के अध्यक्ष एवं प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा ने पंजाब सरकार को बिजली माफी संबंधी भेदभावपूर्ण फैसले पर पुन: विचार करने की अपील करते हुए व्यक्त किए।
अरोड़ा ने कहा कि सरकार का बिजली माफी का फैसला स्वागत योग्य होता, अगर सरकार प्रदेश के सभी लोगों को एक जैसी सहूलत देती। उन्होंने कहा कि एक वर्ग को माफी यूनिट से ऊपर यूनिट होने पर मात्र उतने ही यूनिट का बिल और दूसरे वर्ग को यूनिट ऊपर जाने पर सभी यूनिटों का बिल अदा करने जैसी व्यवस्था को द्वेषपूर्ण फैसला कहा जा सकता है। अरोड़ा ने कहा कि जनरल वर्ग में भी अधिकतर परिवार मध्यम एवं गरीब वर्ग से संबंधित हैं तथा ऐसे में यह फैसला तर्कसंगत नहीं है। इसलिए सरकार को जनता से किए वायदे अनुसार सभी पंजाब वासियों को एक जैसी राहत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार ने किसानों के लिए जब ट्यूबवैलों की बिजली माफ की थी तो उसमें सभी वर्गों को एक जैसी सहूलत दी गई थी।
लेकिन आम आदमी पार्टी ने चुनावों से पहले किए वायदे को पूरा करने में छेद रखा और यह बात साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि वह भी राजनीति की दलदल में फंस चुकी है और धर्म एवं जाति आधारित राजनीति करके ही राज करना चाहती है। अरोड़ा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान एवं सरकार में बैठे सभी जनरल वर्ग के मंत्रियों और विधायकों से आह्वान किया कि वह इस संबंधी सरकार के समक्ष मामला उठाएं और सभी वर्गों को एक जैसी राहत देने संबंधी फैसला लागू करें। अन्यथा आने वाले समय में सरकार को जनरल वर्ग के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।